डीजे श्री दुबे ने बालिकाओं से कहा कि वे हुनर सीख कर स्वरोजगार के लिए दक्ष होकर अपने समाज व परिवार में जायें. वे किसी पर बोझ नहीं बनें. अात्मनिर्भर होकर सम्मान सी जीयें. आने वाले समय में उनका जीवन सुखमय होगा. डीसी ने कहा कि जो भी बालिकाएं यहां से प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे, उन्हें स्वरोजगार के लिए सरकार की कई योजनाओं से लोन मिल सकता है.
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आत्मनिर्भर होंगी तो जीवन सुखमय होगा : डीजे
देवघर: संप्रेषण गृह की बालिकाओं को स्कील डेवलपमेंट के तहत प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जायेगा. गुरुवार को संप्रेषण गृह की बालिकाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए सिलाई, कंप्यूटर सहित अन्य जरूरी ट्रेनिंग देने के कार्यक्रम की शुरुआत की गयी. इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रधान जिला जज एसके दुबे, विशिष्ट अतिथि […]
देवघर: संप्रेषण गृह की बालिकाओं को स्कील डेवलपमेंट के तहत प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जायेगा. गुरुवार को संप्रेषण गृह की बालिकाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए सिलाई, कंप्यूटर सहित अन्य जरूरी ट्रेनिंग देने के कार्यक्रम की शुरुआत की गयी. इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रधान जिला जज एसके दुबे, विशिष्ट अतिथि डीसी अरवा राजकमल व प्रभारी डीएसडब्ल्यूओ आदित्य रंजन मौजूद थे.
लोन लेकर स्वरोजगार करें और आत्मनिर्भर बनें. उन्होंने बताया कि संप्रेषण गृह की बालिकाओं को स्कील डेवलपमेंट के तहत सिलाई, कढ़ाई, कंप्यूटर, ब्यूटीशियन व अतिथि सत्कार जैसी कोर्स का प्रशिक्षण दिया जायेगा. सरकार की स्टार्ट-अप व स्टैंड-अप, मुद्रा लोन के तहत महिला उद्यमी को एक करोड़ रुपये ऋण देने की योजना है. वे बेहतर कार्य कर इसका लाभ भी उठा सकते हैं. प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली बालिका अपने-अपने घरों में प्रशिक्षण देने का काम कर सकती है. पहले चरण में 30 बालिकाओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा. प्रशिक्षण के लिए समाज कल्याण विभाग से आवंटन की भी सहमति प्राप्त हो चुकी है. संप्रेषण गृह में कुल 75 बालिकाएं हैं.
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