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आक्रोशित छात्रों ने की देवघर कॉलेज में तालाबंदी

देवघर : देवघर कॉलेज में कथित भ्रष्टाचार एवं अराजकता के विरोध में कॉलेज के छात्र संघ एवं अभाविप कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से धरना प्रदर्शन कर तालाबंदी की. छात्रों के हंगामा के दौरान कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य कक्ष छोड़ कर निकल गये. कार्यालय कक्ष में काम कर रहे कर्मचारी भी अपने-अपने कुरसी छोड़ कर निकल […]

देवघर : देवघर कॉलेज में कथित भ्रष्टाचार एवं अराजकता के विरोध में कॉलेज के छात्र संघ एवं अभाविप कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से धरना प्रदर्शन कर तालाबंदी की. छात्रों के हंगामा के दौरान कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य कक्ष छोड़ कर निकल गये. कार्यालय कक्ष में काम कर रहे कर्मचारी भी अपने-अपने कुरसी छोड़ कर निकल गये थे. छात्रों के विरोध एवं तालाबंदी की सूचना मिलने के बाद नगर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची. कॉलेज अध्यक्ष विशम्भर कुमार ने कहा कि प्रभारी प्राचार्य ने बड़ी साजिश के तहत कॉलेज की राशि को लूटने का काम किया है. इसलिए कुलाधिपति एवं कुलपति से उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हैं.
कॉलेज अध्यक्ष ने कहा कि प्रभारी प्राचार्य ने बगैर किसी अनुमति के विदेश जाने का काम किया. कॉलेज में कक्षा नहीं लेते हैं. कर्त्तव्यहीनता का गंभीर आरोप लगा है.विरोध करने वालों में प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य ललन मिश्रा, राजाराम सिंह चौहान, छात्र संघ के विश्वविद्यालय सचिव विश्वराज सिंह, कॉलेज अध्यक्ष विशम्भर कुमार, उपाध्यक्ष मृत्युंजय कुमार, सचिव सुधांशु शेखर, संयुक्त सचिव विपीन महथा, विभाग संयोजक उत्तम शाही, अभिषेक खवाड़े, नेहा शाही, कृष्णा यादव, जयकिशोर, पवन देव यादव, बालमुकुंद दास, जसीडीह नगर मंत्री मनीष सिंह, देवघर नगर मंत्री कृष्णदेव चौधरी, निगम राव, वीरू राज, पूजा कुमारी, निशि कुमारी, गायत्री कुमारी, अर्चना कुमारी, नंदन सिंह, हिमांशु पांडेय, कुणाल पांडेय, सागर राउत, उज्जवल कुमार, कन्हैया कुमार आदि शामिल थे.
छात्रों ने लगाये कई गंभीर आरोप
आरोप लगाया गया है कि अंतरिम व्यवस्था के तहत डॉ मनोज कुमार सिन्हा को एक माह के लिए प्रभारी प्राचार्य बनाया गया. इन्हें बड़ा निर्णय लेने व लाखों रुपये खर्च करने का अधिकार नहीं है. बावजूद इन्होंने कई बड़े निर्णय लेकर लाखों रूपये खर्च कर दिया. आरोप लगाया गया है कि प्रभारी प्राचार्य बनते ही रूसा की राशि हड़पने के लिए डॉ एसएन सिंह को हटा कर डॉ विनोद कुमार सिन्हा को समन्वयक नियुक्त कर दिया. कॉलेज के इंटरमीडिएट के अस्थायी कर्मचारी को हटाने का आदेश प्रभार लेने के साथ ही जारी कर दिया था. टेंडर की सही प्रक्रिया के बगैर ही 35 से 40 लाख रूपये का सामान खरीद कर लिया गया.
कहते हैं प्रभारी प्राचार्य
विश्वविद्यालय से फाइनांशियल पावर 31 मार्च 16 से ही मिला है. इसलिए पैसा खर्च करने का अधिकार है. विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार फर्नीचर सहित अन्य कार्य किये जा रहे हैं. आरोप बेबुनियाद है.’
– डॉ मनोज कुमार सिन्हा,प्रभारी प्राचार्य,देवघर कॉलेज

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