पूजा से पहले बन कर तैयार हो जायेगा. यह पूजा 1981 में नंद लाल बलियासे ने अपने सहयोगियों के साथ शुरू की थी. उनके बाद दिनेश नरौने ने जारी रखा. अब मुहल्ले के युवा परिपाटी को निभा रहे हैं. आचार्य मिठू महाराज व पुजारी चांद सर पूजा करेंगे. मां पूजा तांत्रिक विधि से होती है. इस संबंध में सुभाष जजवाड़े ने बताया कि समिति में कोई अध्यक्ष-सचिव नहीं है.
सारे सदस्य एकजुट होकर पूजा का संचालन करते हैं. जन सहयोग से पूजा होती है. भक्त खुद मंडप आकर पूजा के निमित्त चंदा देते हैं. मां की प्रतिमा बनने का कार्य शुरू हो चुका है. यह बंपास टाउन के प्रसिद्ध कलाकार गिरीश पाल बना रहे है. अष्टमी से लेकर नवमी तक मां के दर्शन के आये भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया जाता है. दशमी के दिन भव्य शोभा यात्रा निकलेगी. इसमें मां की प्रतिमा शहर के मुख्य मार्गों में भ्रमण कर शिवगंगा में विसर्जित की जायेगी.