देवघर: पिछले एक वर्ष से पीडब्ल्यूडी व आरइओ की पेंच में फंसी जसीडीह-दर्दमारा रोड की स्वीकृति पथ निर्माण विभाग ने दे दी है. हालांकि, श्रवणी मेला से पहले यह सड़क नहीं बन पायेगी. सड़क की कुल लंबाई 10 किलोमीटर होगी. पथ निर्माण विभाग से सड़क की स्वीकृति दो हिस्सों में दी गयी है. दोनों सड़कों पर 17 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.
श्रवणी मेला में इस सड़क को वन-वे कर दिया जाता है, मेले के दौरान बड़े वाहन इसी मार्ग से देवघर आती है. सड़क का पहला हिस्सा कालीपुर-कुशमाहा पांच किलोमीटर व दूसरा कालीपुर-देवपुरा पांच किलोमीटर है. कार्यपालक अभियंता जयप्रकाश सिंह ने बताया कि सड़क कालीकरण होगा व पांच मीटर चौड़ी होगी. विभाग ने 25 मई से टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है. छह माह में सड़क का कार्य पूरा कर लिया जाना है.
जुड़ जायेगा 30 गांव
इस सड़क के निर्माण के बाद तीन पंचायत व नगर निगम के वार्ड नंबर एक के लगभग 30 गांव मुख्य सड़क से जुड़ जायेंगे. इसमें टाभाघाट, कालीपुर, देवपुर, सगदाहा, बसमनडीह, कुमैठा, शंकरी, गादी जमुआ, बाघमारा, कोठिया, भलुआ, सियाटांड़, बलिया, गोपालपुर समेत खड़हरा, कोड़ाडीह, नवाडीह, घाघी, गंगटी, थोरपा, गनजोरा, सरसान, भोखा टिल्हा, पेलवा, चरकी पहाड़ी, गीधापाथर, लरबंधुआ, कुशमाहा तुलसीटांड़ व जाखा गांव है.
अनशन पर बैठ चुके थे लोग
इस सड़क के निर्माण की मांग को लेकर टाभाघाट के मुखिया राकेश रंजन बुलबुल के नेतृत्व में ग्रामीण अनशन पर बैठ चुके थे. सांसद निशिकांत दुबे ने अनशन स्थल पर पहुंच कर मुखिया व अन्य लोगों को जल्द पक्की सड़क निर्माण का आश्वासन दिया था, तब अनशन खत्म हुआ था. मुखिया बुलबुल ने कहा कि यह इस क्षेत्र की बड़ी जीत है. सांसद की पहल से हजारों की आबादी मुख्य सड़क से जुड़ेगी.