मधुपुर: भागलपुर-रांची वनांचल एक्सप्रेस ट्रेन में डकैती करने आये अपराधियों की रेल पुलिस की घेराबंदी के बाद भी भाग निकल जाने के रहस्य से परदा उठने लगा है. पूरे मामले में छापेमारी के लिए गठित जीआरपीए, आरपीएफ व सीआइबी संयुक्त टीम की विफलता कहीं न कहीं झलकती है. आपसी तालमेल की कमी का फायदा अपराधियों ने उठाया तथा वे लोग हथियार छोड़ कर भाग निकलें. ज्ञात हो कि पुलिस छापेमारी के दौरान डकैतों द्वारा लाये गये एक पिस्टल, दो गोली व पांच धारदार भुजाली ही पुलिस को हाथ लगी.
सफेद लिबास में की गयी थी घेराबंदी
सूत्रों ने बताया कि 15 जनवरी की रात वनांचल एक्सप्रेस (डाउन) में डकैती की सूचना मिलने तथा डकैतों के दो अलग-अलग गिरोह के मधुपुर स्टेशन व चित्तरंजन में चढ़ने की जानकारी के बाद रेल पुलिस सक्रिय हुई थी.
अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए 40 सदस्यीय पुलिस टीम सफेद लिबास में मधुपुर प्लेटफॉर्म की घेराबंदी किये हुए थे. जबकि 20 पुलिसकर्मी चित्तरंजन स्टेशन को घेरे हुए थे. इनमें अधिकतर पुलिसकर्मी धनबाद जीआरपी से आये हुए थे.
बताया जाता है कि पुलिस टीम से कई जगह चूक हुई. अपराधियों ने जिस होटल में खाना खाया. धनबाद से आये अधिकतर पुलिसकर्मी उसी होटल में खाना खा रहे थे और छापेमारी की चर्चा कर रहे थे. इसके अलावा पुलिस टीम चारों डकैतों को एक साथ पकड़ना चाह रही थी. जबकि अपराधी अलग-अलग प्लेटफॉर्म परिसर में फैले हुए थे.
इतना ही नहीं सफेद लिबास में तैनात पुलिस कर्मियों के जूते व बाल ने उनके रहस्य से परदा उठा दिया. इसी से अपराधी सतर्क होकर भाग निकले.
क्या कहते हैं एसआरपी
एसआरपी धनबाद पीके कर्ण ने कहा कि डकैती की सूचना पूर्व में मिलने व रेल पुलिस द्वारा कैंप करने के कारण ही डकैती की घटना को विफल किया गया. अपराधियों के भागने के कई कारण हो सकते हैं. कहीं न कहीं ऊंच-नीच हो सकती है.