देवघर: प्रभारी सीजेएम की अदालत में नगर थाना कांड संख्या 362/10 तथा 363/10 में दो आरोपितों सहीम खान व रणधीर सिंह ने बढ़ते पुलिस दबिश के कारण सरेंडर किया और जमानत की प्रार्थना की.
कोर्ट में दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जमानत खारिज कर दी गयी. इन दोनों के विरुद्ध समाहरणालय के सभागार में जबरन प्रवेश कर तोड़-फोड़ करने व सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप है. इन दोनों को अलग-अलग दो मामलों में आरोपित किया गया है. कैंप जेल से कार्यकर्ताओं को छुड़ाने का आरोप दूसरे मामले में हैं. इसमें झाविमो के विधायक प्रदीप यादव समेत 17 लोगों को आरोपित किया गया है.
क्या है मामला
झाविमो के राज्यव्यापी आंदोलन के तहत देवघर समाहरणालय में भी 15 सितंबर 2010 को धरना प्रदर्शन हुआ था. सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की मांग पर कार्यकर्ता डटे थे. इसी दौरान कार्यकर्ता उग्र होकर समाहरणालय में प्रवेश कर तोड़-फोड़ किये और हजारों रुपये के सामान को क्षति पहुंचाएं. वहां पर तैनात तत्कालीन देवघर सीओ के बयान पर एक मुकदमा दर्ज हुआ, जबकि दूसरा मुकदमा श्रम प्र्वतन पदाधिकारी सुधीर मोदी जो मजिस्ट्रेट के तौर पर तैनात थे, के बयान पर दर्ज हुआ है. इस मामले में प्रदीप यादव को हाइकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गयी थी. कई आरोपित अभी भी पुलिस पकड़ से बाहर हैं.