इसलिए किसानों ने खरीफ की तैयारी शुरू कर दी है. 25 से रोहिणी नक्षत्र से शुरू हो रहा है जो अगले 15 दिनों तक रहेगा. संताल परगना की मिट्टी रोहिणी में ही धान का बिचड़ा लगाने के लिए अनुकूल माना जाता है. कृषि विभाग ने भी नेशनल शीड कॉरपोरेशन को धान व मकई के बीज भेजने के लिए प्रस्ताव भेज दिया है. इस नक्षत्र में धान के अलावा अरहर व मकई समेत सब्जी में कद्दु, भिंडी, झींगा, नेनुआ व मूंगफली की भी खेती संताल परगना में होती है.
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बारिश ने लौटायी खेतों की नमी
देवघर:मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को देवघर जिले के विभिन्न हिस्सों में तीन से चार एमएम बारिश हुई. इस बारिश से खेतों में कहीं पानी भर गया है, तो कहीं गायब हो चुकी मिट्टी की नमी लौट आयी है. लंबे अंतराल तक सूखे की मार झेल रहे किसानों को इस बारिश से राहत मिली है. […]
देवघर:मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को देवघर जिले के विभिन्न हिस्सों में तीन से चार एमएम बारिश हुई. इस बारिश से खेतों में कहीं पानी भर गया है, तो कहीं गायब हो चुकी मिट्टी की नमी लौट आयी है. लंबे अंतराल तक सूखे की मार झेल रहे किसानों को इस बारिश से राहत मिली है.
किसान कर लें खेतों की जुताई : कृषि विज्ञान केंद्र सुजानी के कृषि वैज्ञानिक परिमल कुमार सिंह ने बताया किरोहिणी नक्षत्र में धान, मकई व अरहर के फसलों की खेती किसान शुरू कर सकते हैं. किसान को इस बारिश का फायदा उठाते हुए खेती की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. मिट्टी में नमी होने की वजह से किसानों को खेतों की जुताई कर जैविक खाद डाल देना चाहिए. इसके बाद दो-तीन दिनों तक इसे छोड़ देना है. इससे दीमक समेत अन्य कीड़े-मकौड़े मर जायेंगे. मिट्टी सूखने के बाद किसानों को खेत तैयार कर धान, मकई व अरहर का बीज डाल देना चाहिए. सब्जी के लिए भी अभी ही खेत तैयार कर बीच डाल देना चाहिए. इससे अच्छा उत्पादन होगा.
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