देवघर : सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को लोकसभा के शून्य काल में झारखंड में जलसंकट काे लेकर प्रश्न उठाया. उन्होंने कहा कि झारखंड में केवल आठ प्रतिशत खेत ही सिंचित है. शेष 92 फीसदी खेतों में आज तक पानी नहीं जा पाया है. झारखंड बनने के बाद आज तक वही स्थिति है. उन्होंने कहा […]
देवघर : सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को लोकसभा के शून्य काल में झारखंड में जलसंकट काे लेकर प्रश्न उठाया. उन्होंने कहा कि झारखंड में केवल आठ प्रतिशत खेत ही सिंचित है. शेष 92 फीसदी खेतों में आज तक पानी नहीं जा पाया है. झारखंड बनने के बाद आज तक वही स्थिति है. उन्होंने कहा कि मसानजोर, पंचैत व मैथन डैम झारखंड की जमीन बना है. डैम झारखंड में है, पर उसका पूरा पानी बंगाल सरकार को जाता है.
इससे ज्यादा बड़ी विडंबना किसी राज्य में नहीं है. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना दी है. सिंचाई के लिए अच्छा साधन कैसे मुहैया हो, पीने के पानी की कैसी व्यवस्था हो. इस पर विचार होना चाहिए, क्योंकि पानी को राज्य का विषय मान लिया जाता है, जबकि इससे नेशनल व इंटरनेशनल दोनों सरकारें इससे प्रभावित होती है.
16 जलाशय योजना बंद पड़ी है : सांसद ने बताया कि संताल परगना में 16 जलाशय योजना फंड के अभाव में बंद पड़ी है.
डैम झारखंड में…
इसके चालू होने से इस क्षेत्र को बहुत फायदा होगा. इसमें कालीपुर जलाशय, भुरभुरी जलाशय, विशनपुर जलाशय, जमुनिया जलाशय, बांसलाेई जलाशय, डुमरिया जलाशय, पकरिया जलाशय, सुग्गाबथान जलाशय, कृष्णासागर जलाशय आदि को तत्काल बनाकर उपयोग किया जा सकता है.
वहीं कई ऐसी जलाशय योजनाएं है, जिस पर केंद्र सरकार के सहयोग की जरूरत है. उनमें पुनासी जलाशय योजना, त्रिवेणी जलाशय योजना, सुग्गाबथान, सुंदर डैम, हरणा बियर, बुढई जलाशय, सैदापुर एंड ताड़डीहा बियर, डढ़वा एंड डहुआ बियर, त्रिकुट जलाशय व राजबांध आदि शामिल है.