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बाबा बैद्यनाथ के तिलक के बाद उड़े अबीर-गुलाल
देवघर : माघ मास शुक्ल पक्ष की पंचमी पर बाबा मंदिर में परंपरा के अनुसार पूरे विधि-विधान से बाबा बैद्यनाथ का तिलकोत्सव हुआ. सात मार्च को महाशिवरात्रि के दिन बाबा की शादी होगी. इस अवसर पर मंदिर उपचारक भक्तिनाथ की उपस्थिति में आचार्य पिंकू महाराज व पुजारी गोरेलाल झा ने विशेष पूजा की. उन्हें गंगाजल […]
देवघर : माघ मास शुक्ल पक्ष की पंचमी पर बाबा मंदिर में परंपरा के अनुसार पूरे विधि-विधान से बाबा बैद्यनाथ का तिलकोत्सव हुआ. सात मार्च को महाशिवरात्रि के दिन बाबा की शादी होगी.
इस अवसर पर मंदिर उपचारक भक्तिनाथ की उपस्थिति में आचार्य पिंकू महाराज व पुजारी गोरेलाल झा ने विशेष पूजा की. उन्हें गंगाजल से स्नानादि कर धूप, दीप दिखा कर नवैद्य चढ़ाया गया. ऋतु फल आम मंजरी विशेष रूप से अर्पित की गयी और पुआ चढ़ाया गया. अंत में अबीर चढ़ा कर तिलकोत्सव किया गया. पुजारी ने श्रृंगारी पूजा में बाबा पर चंदन लेपन के साथ इत्रयुक्त अबीर अर्पित कर तिलकोत्सव का रस्म पूरा किया. इसके बाद बाबा की महाआरती कर पूजा का विधिवत समापन किया गया.
इस दौरान पूरा मंदिर परिसार बाबा के जयकारे से गुंज उठा. इस संबंध में मंदिर प्रबंधक रमेश परिहस्त ने बताया कि बसंत पंचमी से होली तक बाबा के श्रृंगार पूजा में नियमित रूप से अबीर चढ़ाया जाता है. यह परंपरा आदि काल से चली आ रही है. इसे आज भी निभाया जा रहा है.
तिलकहरुओं ने बाबा मंदिर में खेली होली
बसंत पंचमी पर अहले सुबह से ही बाबा मंदिर से ही जलार्पण के लिए भक्तों की भीड़ लगी रही.
बाबा का तिलक चढ़ाने आये मिथिलांचल के तिलकहरुओं ने बाबा पर जलार्पण कर पूजा-अर्चना की. भक्तों ने भैरव मंदिर में लड्डू व बाबा पर गंगाजल, अक्षत, जौ, अबीर चढ़ा कर बाबा का तिलकोत्सव मनाया. इसके उपरांत मंदिर प्रांगण में अपने साथियों को अबीर-गुलाल लगा कर खूब झूमे. कई कर्णप्रिय बाबा के भजन भी गाये.
भक्तों की कतार हुई दो किमी
बसंत पंचमी पर भक्तों की कतार मंदिर परिसर से बाहर निकल कर तिवारी चौक पार चली गयी. भक्तों को कतारबद्ध कर जलार्पण कराया गया.
शनिवार को बाबा मंदिर का पट सुबह चार बज कर पांच मिनट में खुला. सरकारी पूजा के बाद भक्तों के लिए पट खोल दिया गया. बसंत पंचमी रहने से मंदिर परिसर में भक्तों की अप्रत्याशित भीड़ रही. इसमें स्थानीय भक्तों के अलावा दरभंगा, सहरसा, मधुबनी, पूर्णिया, झंझारपुर आदि मिथिलांचल से आये भक्तों की संख्या सर्वाधिक रही. भक्तों को मानसरोवर तट फुट ओवरब्रिज से मंदिर गर्भ-गृह प्रवेश कराया गया.
शीघ्रदर्शन की व्यवस्था का भक्तों ने उठाया लाभ
भीड़ अधिक रहने से मंदिर प्रबंधन बोर्ड की ओर से शीघ्र दर्शन की व्यवस्था करायी गयी. कई भक्तों ने शीघ्र दर्शनम का लाभ उठाया, उन्हें मंदिर प्रशासनिक भवन से सीधे प्रवेश कराया जा रहा था. भक्तों को नियंत्रित करने में पुलिस बल मौजूद रहे.
हालांकि कतारबद्ध कराने में भारी मशक्कत करनी पड़ी. कतार रह-रह टूट रही थी. महिला-पुरुष सभी भक्तों को एक ही कतार से मंदिर प्रवेश कराया गया. पूजा को सफल बनाने में मंदिर प्रभारी विंदेश्वरी झा, प्रबंधक रमेश परिहस्त आदि ने सराहनीय भूमिका निभायी.
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