सारठ: प्रखंड मुख्यालय से लगभग आठ किलोमीटर दूर मिशड्रीह – चितरा मार्ग पर बसा है आदिवासी व पहाड़िया बहुल गांव करमचंद्र गांव. इस गांव के आसपास लगभग 40 महिलाएं 24 माह से विधवा पेंशन से वंचित हैं. पेंशन लेने के लिए महिलाएं प्रखंड मुख्यालय का चक्कर काट चुकी है.
मगर इनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है. शिमला पंचायत के करमचंद्र, पहरीडीह, छंदवा, राखजोर, बीरमाटी, शिमला. फुलचुवां पंचायत के कपसियों, बड़बाद पंचायत के बड़बाद व कूरा, ठाढ़ी पंचायत के ठाढ़ी व ब्रह्नाशोली गांव.
इंदिरा गांधी विधवा पेंशन से प्रति माह चार सौ रुपये मिलता था. राशि के अभाव में इन महिलाओं को गुजर-बसर करने में परेशानी हो रही है. अधिकतर महिलाएं उम्र के अंतिम पड़ाव तक जा पहुंची है. ऑन लाइन व सामाजिक सुरक्षा कोषांग कार्यालय की उदासीनता के कारण पेंशन नहीं मिल पाया है.