देवघर. सिदो-कान्हू मुरमू के प्रवक्ता अच्युत चेतन ने प्रभात खबर को बताया कि प्रो रूप नारायण फलाहारी को सभी प्रकार का भुगतान किया जा चुका है. सिर्फ एक क्लेम का भुगतान सरकार से फंड नहीं आने के कारण पेंडिंग है.
उन्होंने कहा कि लीव सैलरी स्व फलाहारी को नहीं दिया जा सकता है क्योंकि उनके द्वारा जो रिकार्ड उपलब्ध कराये गये हैं, उसमें खामियां हैं. उनके सर्विस बुक में अर्नड लीव का जिक्र नहीं है. प्रवक्ता ने कहा कि उनके असमय निधन का विश्वविद्यालय परिवार को दुख है. ग्रज्युटी के छह लाख के भुगतान के लिए उनके परिजनों से कहा गया है कि जरूरी दस्तावेज के साथ आवेदन कर दें.
कब-कब हुआ भुगतान
सितंबर 2009 में प्रो फलाहारी सेवानिवृत हुए. अब तक वे रेगूलर पेंंशन पा रहे थे.
ग्रुप इंश्योरेंस, इंप्लाय वेलफेयर फंड व प्रोविडेंट फंड की राशि 2009 में ही भुगतान हो चुका है.
बकाया ग्रेच्युटी 3.50 लाख रुपये फरवरी 2010 में सरकारी नियमानुसार दिया गया
जनवरी 2006 से मार्च 2010 तक का सेलरी एरियर भी फरवरी 2015 में दिया गया है. शेष भुगतान सभी शिक्षकों का फंड के अभाव में नहीं हो पाया है.
1990-95 का महंगाई भत्ता एरियर 91 हजार रुपयेे जून 2015 में ही भुगतान किया जा चुका है.
प्रो फलाहारी ने विश्वविद्यालय से 6.64 लाख अॉफिशियल वर्क के लिए एडवांस लिया था. सेवानिवृत होने के छह साल बाद उन्होंने खर्च की दर्जनों फाइल उपलब्ध कराया. जबकि उन्हें उक्त खर्च का ब्यौरा तीन माह के अंदर ही देना था. इस त्रुटि के कारण उनके भुगतान से विश्वविद्यालय लगभग सात लाख रुपये एडजस्ट करेगी. यह प्रक्रिया में है.
फिर भी कोई भुगतान लंबित था तो उन्हें शिकायत सेल में लिखित शिकायत करनी थी. लेकिन प्रो फलाहारी ने भुगतान के संदर्भ में एक भी आवेदन विश्वविद्यालय को नहीं दिया है.