– पड़ोसी राज्यों के हर शहर में हैं प्रदूषण जांच केंद्र
– चुनिंदा पेट्रोल पंप में लगना हैं जांच मशीन
देवघर : एक तरफ जहां पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिग की चिंता से परेशान हैं. जिले में लंबे अरसे के बाद भी एक प्रदूषण जांच केंद्र की स्थापना नहीं की जा सकी. इससे शहरों में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है.
वहीं, वाहन मालिकों को जांच प्रमाण पत्र के अभाव में पड़ोसी राज्यों (पश्चिम बंगाल, ओड़िशा व यूपी) की ओर से अपने वाहन के साथ आने-जाने में परेशानी होती है. परिवहन विभाग की ओर से बढ़ते प्रदूषण पर अंकुश लगाने के इरादे से पिछले वर्ष एक अध्यादेश जारी किया था.
इस अध्यादेश में सभी जिला मुख्यालयों के कुछ चुनिंदा पेट्रोल पंपों में प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित किया जाना था. मगर इस आदेश को जारी किये जाने के साल भर गुजर जाने के बाद भी कोई जांच केंद्र स्थापित नहीं हो सका. जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. ज्ञात हो कि झारखंड गठन के 13 वर्षो के बाद देवघर जिले में वाहनों की संख्या में 10 गुनी वृद्धि हुई है.
जबकि राज्य गठन होने से पहले यहां महज पांच से छह हजार वाहन ही सड़कों पर दौड़ा करती थी. पुराने हो चुके वाहन से काफी धुआं निकल रहा है. प्रदूषण जांच के लिए एक जांच मशीन के स्थापित करने में दो-तीन लाख रुपये तक का खर्च आता है. मगर सरकारी सहयोग न मिल पाने की वजह से जिले के एक भी पंप में मशीन स्थापित नहीं हो सकी है.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
सरकार की ओर से पहल की गयी है. जल्द ही देवघर के कुछेक पेट्रोल पंपों में प्रदूषण जांच के लिए मशीनों की व्यवस्था होनी है.
– पंकज कुमार,डीटीओ, देवघर