सबों को सकारात्मक अश्वासन दिया गया. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने बंदियों के मामलों की सुनवाई की, लेकिन एक भी बंदी छूट नहीं पाया. शिविर में डालसा के सचिव कुमार क्रांति प्रसाद ने बंदियाें को कानून के बारे में विस्तार से जानकारी दी और सबों को एक अच्छा इंसान बनने की सलाह दी.
उन्होंने कहा कि बंदी अपने को मुख्यधारा से अपने को इतर न समझें. मौके पर प्रशिक्षु न्यायिक दंडाधिकारी तनवी, जेल अधिकारी मौजूद मौजूद थे.