देवघर: जिले में इंसेफलाइटिस (मस्तिष्क ज्वार) के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. सदर अस्पताल प्रबंधन की मानें, तो एक माह के अंदर इंसेफलाइटिस के दर्जनों पीड़ित मरीज अस्पताल इलाज के लिए आ चुके हैं. अस्पताल में इस बीमारी के इलाज की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण मरीज को हायर सेंटर या मेडिकल कॉलेज रेफर किया जा रहा है. अस्पताल के डॉक्टर अवधेश सिंह ने बताया कि जुलाई से अक्तूबर माह तक (बरसात में) इस बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है. मच्छर के काटने से मस्तिष्क ज्वर होने की आशंका रहती है.
नहीं है सीएसएफ जांच की व्यवस्था : सदर अस्पताल में सीएसएफ (इग्जैमिनेशन ऑफ सेलब्रो स्पाइरल फ्लूड) जांच की सुविधा नहीं है. डॉ सिंह का कहना है कि मरीज के इंसेफलाइटिस होने की पुष्टि के लिए सीएसएफ जांच जरूरी है.
इसमें रीढ़ की हड्डी से पानी निकाल कर जांच की जाती है तथा बीमारी का पता लगाया जा सकता है.वहीं स्थिति गंभीर होने पर मरीज को आइसीयू में भरती किया जाता है, जिसकी अस्पताल में व्यवस्था नहीं है.हालांकि इलाज में फ्लूड व हायर एंटी बॉयटिक चलता है.
लक्षण
तेज बुखार, सिर में दर्द, उल्टी
बेसुध होना, चिड़चिड़ापन
गरदन में अकड़न
बचाव
शुद्ध पानी पीयें
सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें