इस योजना का शिलान्यास भी हो गया है लेकिन अधिग्रहण में देरी के कारण काम शुरू नहीं हुआ है. जबकि एएआइ के अधिकारी ने कहा था कि जमीन उपलब्ध हो जाये तो एक साल के अंदर छोटे विमान उड़ने लगेंगे. लेकिन शिलान्यास के लगभग तीन साल होने को है अभी तक एयरपोर्ट निर्माण की दिशा में कुछ भी नहीं हुआ है.
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मुख्यमंत्री जी ! कब होगी देवघर की ये ठहरी योजनाएं पूरी ?
देवघर: झारखंड की जनता ने पूर्ण बहुमत की सरकार झारखंड में इसलिए बनायी कि झारखंड का विकास होगा. जो ठहरी हुई योजनाएं हैं वे सभी पूरी होगी. विकास की गति तेज होगी. लेकिन अभी तक ठहरी हुई योजनाओं को पूरा करने की दिशा में सरकार की इच्छाशक्ति का अभाव झलक रहा है. यही कारण है […]
देवघर: झारखंड की जनता ने पूर्ण बहुमत की सरकार झारखंड में इसलिए बनायी कि झारखंड का विकास होगा. जो ठहरी हुई योजनाएं हैं वे सभी पूरी होगी. विकास की गति तेज होगी. लेकिन अभी तक ठहरी हुई योजनाओं को पूरा करने की दिशा में सरकार की इच्छाशक्ति का अभाव झलक रहा है. यही कारण है कि देवघर की जितनी भी ठहरी योजनाएं हैं जमीन पर उतरने के लिए सिसक-सिसक कर चल रही है. देवघर की जनता को रघुवर सरकार से बड़ी आस है. लोगों के जेहन में ये सवाल है कि मुख्यमंत्री जी की नजर क्या देवघर की इन ठहरी हुई योजनाओं पर पड़ेगी. क्योंकि ये योजनाएं या तो जमीन के अभाव में या फंड के अभाव में दम तोड़ती नजर आ रही है. इसके अलावा कुछ योजनाएं विस्थापितों की समस्या के कारण बाधित है. पेश है देवघर की ठहरी हुई योजनाएं की पड़ताल करती ये रिपोर्ट :
अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस योजना को देवघर जिले के हुसैनाबाद इलाके में स्थापित करने की मंजूरी दी है. इस योजना के लिए एसपीवी(स्पेशल पर्पस व्हीकल) गठन भी हो गया है. 4000 मेगावाट क्षमता वाला पावर प्लांट यहां बनना है. इस पर तकरीबन 16 हजार करोड़ के निवेश होगा. लेकिन यहां भी अधिग्रहण में परेशानी हो रही है. जिला प्रशासन ने अभी तक जमीन अधिग्रहण करके हैंडओवर नहीं किया है इस कारण मामला फंसा हुआ है.
इंटरनेशनल एयरपोर्ट निर्माण
देवघर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट निर्माण को भी मंजूरी भारत सरकार ने दी. एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया देवघर के एयरपोर्ट के विस्तारीकरण पर काम करेगी. इसके लिए भी लगभग 500 एकड़ जमीन की जरूरत है. जिसके अधिग्रहण में अभी भी पेच फंसा है. एयरपोर्ट निर्माण पर 350 करोड़ खर्च होगा. जिसमें 300 करोड़ केंद्र और 50 करोड़ राज्य सरकार देगी. राज्य सरकार ने तो राशि विमुक्त भी कर दिया है.
इस योजना का शिलान्यास भी हो गया है लेकिन अधिग्रहण में देरी के कारण काम शुरू नहीं हुआ है. जबकि एएआइ के अधिकारी ने कहा था कि जमीन उपलब्ध हो जाये तो एक साल के अंदर छोटे विमान उड़ने लगेंगे. लेकिन शिलान्यास के लगभग तीन साल होने को है अभी तक एयरपोर्ट निर्माण की दिशा में कुछ भी नहीं हुआ है.
क्यू कांप्लेक्स
देवघर में श्रावणी मेले को ध्यान में रखते हुए लगभग 100 करोड़ की लागत से ¢यू कांप्ले¢स का निर्माण होना है. जिसकी आधारशिला महामहिम राष्ट्रपति ने एक साल पहले किया था. इस योजना के लिए 25 करोड़ केंद्र सरकार ने तीन साल पहले ही दे दिया है. लेकिन इसमें भी जमीन का पेच फंसा है. इस कारण अभी तक एक ईंट तक इस योजना की नहीं रखी गयी है.
एग्रोटेक फुड पार्क निर्माण
देवघर में 22 एकड़ भूमि पर यह पार्क डेवलप होगा. एग्रोटेक फुड पार्क के लिए भी 1.50 करोड़ स्वीकृत है. लेकिन जमीन अधिग्रहण नहीं होने के कारण काम शुरू नहीं हो पाया है.
ट्रॉमा सेंटर
देवघर जिले के मोहनपुर प्रखंड के चौपामोड़ में ट्रामा सेंटर बनना है. इसके लिए जमीन प्रशासन ने एक एकड़ जमीन चिह्नित किया है. लेकिन कई माह बीत गये अभी तक अधिग्रहण नहीं हुआ है. लगभग एक करोड़ की लागत से इस सेंटर का निर्माण होना है.
तारामंडल का निर्माण
योजना स्थल : नंदन पहा़ड
प्राक्कलन : भवन निर्माण -67.4 लाख, 15 लाख व छह करोड़ राशि यंत्र आदि के लिए खर्च होना था. योजना का शिलान्यास वर्ष 22/7/2005 को तत्कालीन सीएम अर्जुन मुंडा ने किया था.
बाल्मिकी आंबेडकर आवास योजना
स्थान : राज कुमारी कुष्ठाश्रम, कालीरखा, देवघर
-29.01.06 शिलान्यास वर्ष
-तत्कालीन वित्त मंन्नी रघुवर दास ने शिलान्यास किया था.
त्रिकुट लेमन ग्रास प्लांट
लागत : 7 लाख(2002-03) -राशि के अभाव में चालू नहीं हुई फिल्टरेशन प्लांट(मोहनपुर अंतर्गत त्रिकुट पर्वत के पास)लगी पर, सिर्फ उदघाटन के दिन ही चली. उसके बाद आज तक वह प्लांट नहीं चली है. इसके लिए लेमनग्रास की खेती जिन किसानों से करवाया गया था. वह बेकार हो गया.
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