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बुखार पीड़ित महिला को डॉक्टर ने एड‌्स रोगी बता दिया, परिवार भी भागा समाज ने त्यागा

जामताड़ा अस्पताल के डॉक्टर का कारनामा देवघर : जामताड़ा सदर अस्पताल के एक चिकित्सक ने बुखार से पीड़ित महिला लक्खी हांसदा (50) का एचआइवी टेस्ट कराया और उसे एड्स पीड़ित बता दिया. जबकि टेस्ट रिपोर्ट में महिला को एचआइवी निगेटिव बताया गया था. डॉक्टर के इस कारनामे के बाद लक्खी हांसदा की देख-भाल कर रहे […]

जामताड़ा अस्पताल के डॉक्टर का कारनामा
देवघर : जामताड़ा सदर अस्पताल के एक चिकित्सक ने बुखार से पीड़ित महिला लक्खी हांसदा (50) का एचआइवी टेस्ट कराया और उसे एड्स पीड़ित बता दिया. जबकि टेस्ट रिपोर्ट में महिला को एचआइवी निगेटिव बताया गया था. डॉक्टर के इस कारनामे के बाद लक्खी हांसदा की देख-भाल कर रहे बेटा-बेटी सहित उसके परिजन उसे अस्पताल में छोड़ कर भाग गये.
अस्पताल की लापरवाही और अमानवीयता की हद तब हो गयी, जब लक्खी हांसदा को सात सितंबर को ठेले पर चढ़ा कर उसके गांव भेज दिया. गांव और समाज के लोगों ने भी उसकी सुध नहीं ली. उसे एड‌्स रोगी मान कर समाज के लोगों ने उसका बहिष्कार कर दिया.
लक्खी तीन दिनों तक गांव के बाहर की पड़ी रही. उचित देखभाग नहीं होने के कारण लक्खी मरणासन्न स्थिति में चली गयी. मामले का खुलासा तब हुआ, जब जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने गांव में जाकर उससे मुलाकात की आैर फिर अस्पताल में उसकी एचआइवी टेस्ट रिपोर्ट देखी.
उन्होंने डॉक्टर की इस लापरवाही से मुख्यमंत्री रघुवर दास को अवगत कराया. मुख्यमंत्री ने मामले की जांच कर दोषी लोगों पर कार्रवाई का आदेश दिया है. डॉक्टर की लापरवाही का खुलासा होने के बाद शुक्रवार को लक्खी को फिर से अस्पताल में भरती कराया गया है. लक्खी सदर प्रखंड के शहरडाल गांव की रहनेवाली है.
31 अगस्त को अस्पताल लाया गया था महिला को
लक्खी हांसदा क तबीयत खराब होने के बाद परिजनों ने 31 अगस्त को सदर अस्पताल में भरती कराया गया था.सदर अस्पताल के एक डॉक्टर ने जांच के बाद एचआइवी टेस्ट कराने को लिखा. लक्खी का एचआइवी टेस्ट निगेटिव आया, इसके बाद भी डॉक्टर ने उसे एड्स पीड़ित बता दिया. विधायक के अनुसार, परिजनों को जब इसका पता चला, तो वे लक्खी को अस्पताल में ही छोड़ कर भाग गये. उसकी देखा-भाल करनेवाला कोई नहीं था. देखभाल नहीं होने पर महिला मरणासन्न स्थिति में पहुंच गयी.
विधायक ने देखी रिपोर्ट
सूचना मिलने के बाद विधायक इरफान अंसारी अस्पताल गये. लक्खी का बीएचटी (बेड होल्ड टिकट) देखा. जब विधायक ने एचआइवी टेस्ट रिपोर्ट देखा तो पाया कि उसमें तो एचआइवी निगेटिव है. इसके बाद उन्होंने कई डॉक्टरों के साथ चर्चा की. डॉक्टरों ने पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद सहमत हुए कि लक्खी को एड्स नहीं है.
डॉक्टरों से संतुष्ट होने के बाद विधायक इरफान आठ सितंबर को लक्खी के गांव गये. ग्रामीणों को पूरी स्थिति से अवगत कराया. फिर भी गांववाले मानने को तैयार नहीं थे. विधायक ने मामले की जानकारी मुख्यमंत्री रघुवर दास को दी. मुख्यमंत्री के निर्देश पर अपर परियोजना निदेशक एड्स कंट्रोल डॉ बीपी चौरसिया मामले की जांच को पहुंचे हैं. महिला को गांव से पुन: सदर अस्पताल में भरती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है.
इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास से मिला. उन्हें स्वास्थ्य महकमे के कारनामे से अवगत कराया है. स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफे की मांग की है. हेल्थ डिपार्टमेंट की लापरवाही से महिला जीते जी मर रही है. इसलिए सरकार उसे जीवन यापन के लिए नौकरी और 10 लाख रुपये मुआवजा दे. यह घटना राज्य के लिए शर्मशार करनेवाली है.
इरफान अंसारी
जामताड़ा
दोषी डॉक्टर पर कार्रवाई हो : डॉ लुईस मरांडी
सामाजिक कल्याण मंत्री डॉ लुर्इस मरांडी ने कहा कि यह डॉक्टर की घोर लापरवाही है. डॉक्टर के कारण ही उक्त महिला की आज यह हालत हो गयी है. आदिवासी महिला के ट्रीटमेंट में इस तरह की लापरवाही बरदाश्त नहीं होगी.
वह पीड़ित महिला से मिलने जायेंगी और सरकार से जो भी संभव होगा, उसे सहायता दिलाने की कोशिश करेंगी. उन्होंने कहा : जो भी डॉक्टर दोषी हैं, उन्हें तत्काल बरखास्त कर उन पर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.

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