मगर दुर्भाग्यवश दूसरी सोमवारी की अहले सुबह रूट लाइनिंग में भगदड़ मचने से 10 कांवरियाें की मौत व 50 की संख्या में कांवरिया जख्मी हो गये. इसके बाद प्रशासन ने अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए पुख्ता इंतजाम किये. मगर भगदड़ की घटना के बाद मेला का रंग फीका पड़ गया.
इससे संताल परगना के आर्थिक मेरूदंड पर गहरी चोट लगी है. मेले से दर्जनों प्रकार के व्यवसाय जुड़े हैं. बड़े व्यवसायियों से लेकर रिक्शा खींचने वाले, अॉटो व मैजिक टैक्सी चलाने वाले अौर बड़े बसों के मालिकों के रोजगार प्रभावित हुए हैं. मेला प्रभावित होने से वाहन व्यवसाय पर खासा असर पड़ा. इस संबंध में रिक्शा चालक, अॉटो व मैजिक मालिक व बस मालिकों ने बात करने पर अपना-अपना गम सुनाया.