फोटो दिनकर के फोल्डर में रिनेम हैसंवाददाता, देवघरशहरी क्षेत्र में पहले से ही खेल मैदानों की कमी है. पूरा शहर घनी आबादी में तब्दील हो गया है. खाली जगहों में कई मंजिला मकान बन गये हैं. बच्चों को खेलने के लिए जगह के लाले पड़ गये हैं. हालांकि निगम व जिला प्रशासन की ओर से बच्चों के मनोरंजन के लिए तीन पार्क बनवाये गये थे. वह भी एक-एक कर बंद हो रहे हैं. शिवगंगा पार्क बंद कर दिया गया. जलसार पार्क की स्थिति मृतप्राय हो रही है. एक मात्र नंदन पहाड़ ही बच्चों के लिए बचा है. वहां भी कई चीजें पुरानी हो गयी है. आखिर बच्चे मनोरंजन के लिए कहां जायेंगे. उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. प्रस्तुत है बच्चों की राय…संदीपनि स्कूल के छात्र नवीन कुमार ने कहा कि मिक्की माउस का मजा लेने जलसार पार्क जाते थे. वह खराब हो गया है. अब कही नहीं जाते हैं. तक्षशिला स्कूल की छात्रा कोमल कुमारी ने कहा कि शिवगंगा तट स्थित चिल्ड्रेन पार्क छुट्टी के दिन में जाते थे. वह बंद हो गया है. अब घर पर ही रहना पड़ता है. संत फ्रांसिस स्कूल के यतीन भारद्वाज ने कहा कि जलसार पार्क बोटिंग करने पापा के साथ जाते हैं. वोट खराब हो गया है. उस पर बहुत दिनों से बैठे नहीं हैं. ग्रीनविच स्कूल के छात्र आनंद कुमार सिंह ने कहा कि छुट्टी के दिन मनोरंजन करने नंदन पहाड़ पार्क जाते हैं. वहां का कई झूला पुराना हो गया है. नया झूला नहीं लगा है. देवघर सेंट्रल स्कूल के छात्र निखिल धानुका ने कहा कि पार्क में पहले जैसी सुविधा नहीं है. अब मजा नहीं आता है. इसलिए पार्क जाना छोड़ दिये हैं.
एक-एक कर खत्म हो रहे हैं चिल्ड्रेन पार्क
फोटो दिनकर के फोल्डर में रिनेम हैसंवाददाता, देवघरशहरी क्षेत्र में पहले से ही खेल मैदानों की कमी है. पूरा शहर घनी आबादी में तब्दील हो गया है. खाली जगहों में कई मंजिला मकान बन गये हैं. बच्चों को खेलने के लिए जगह के लाले पड़ गये हैं. हालांकि निगम व जिला प्रशासन की ओर से […]
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