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पालोजोरी-सारठ के कई गांवों में आ रही है दुग्ध क्रांति

देवघर: देवघर जिले के पालोजोरी व सारठ प्रखंड में पिछले आठ माह में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हुई है. नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड व झारखंड मिल्क फेडरेशन की योजना से दुग्ध समितियों का गठन कर किसानों को गांव में ही बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है. किसानों से गाय व भैंस का दूध गांव में […]

देवघर: देवघर जिले के पालोजोरी व सारठ प्रखंड में पिछले आठ माह में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हुई है. नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड व झारखंड मिल्क फेडरेशन की योजना से दुग्ध समितियों का गठन कर किसानों को गांव में ही बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है. किसानों से गाय व भैंस का दूध गांव में ही दूध संग्रह केंद्र के माध्यम उचित मूल्यों पर खरीदा जा रहा है.

इससे किसानों की आर्थिक स्थिति बदल रही है. किसानों से खरीदे गय दूधे देवघर डेयरी स्थित मेधा डेयरी में प्रतिदिन मंगवाया जा रहा है. अगस्त 2014 में झारखंड सरकार से नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड का एमओयू होने के बाद देवघर के मेधा डेयरी में 550 लीटर से दूध बढ़कर छह हजार लीटर प्रतिदिन संग्रह किया जा रहा है. बाजार में मेधा डेयरी का पैकेट दूध, दही, लस्सी समेत कई अलग-अलग प्रोडक्ड तैयार कर सप्लाइ किया जा रहा है. रविवार को नई दिल्ली से आयी एनडीडीबी की ओएसडी तृप्ति व देवघर मेधा डेयरी के प्रबंधक केबी प्रताप ने उपरगांधी व बेलभरना गांव में किसानों से मिलकर दुग्ध उत्पादन का जायजा लिया.

आठ माह में 26 से बढ़कर 200 लीटर दूध का संग्रह प्रतिदिन : एनडीडीबी द्वारा टेकओवर किये जाने के बाद पालोजोरी प्रखंड के उपरबांधी गांव के किसानों की हालात बदल रहे हैं. एनडीडीबी द्वारा उपरबांधी गांव में हाइटेक दूध संग्रहण केंद्र खोला गया है. इस केंद्र में दूध की गुणवत्ता की जांच मशीन लगायी गयी है. मशीन में गुणवत्ता के अनुसार दूध का दर प्रतिलीटर फिक्स है. उपबांधी के दूध मित्र नीलेश राय दूध संग्रह केंद्र में किसानों से दूध लेते हैं व दो मिनट के अंदर मशीन जांच कर दूध का दर कंप्यूटर के जरिये प्राप्त कर लिया जाता है. किसानों को दूर व राशि की रसीद भी तुरंत मिल जाती है. दूध का संग्रह होने के बाद एनडीडीबी अपने वाहन से दूध सीधे देवघर स्थित मेधा डेयरी लेकर आती है. किसानों को दूध का पैसा 10 दिनों में उनके सीधे भेज दिया जाता है. इस सुविधा से किसानों को अब काफी फायदा हो रहा है. आठ माह पहले किसानों को गाय का दूध बाजार में 20 रुपये प्रति लीटर व भैंस का दूध 28 से 30 रुपये प्रतिलीटर बाजार में बेचना पड़ रहा था. एनडीडीबी द्वारा टेकओवर किये जाने के बाद 26 लीटर से बढ़कर से उपरबांधी गांव में 200 लीटर प्रतिदिन दूध किसानों से खरीदा जा रहा है. किसानों को अब गाय का दूध 31 से 38 रुपये व भैंस का दूधर 41 से 44 रुपये प्रति लीटर प्राप्त हो रहा है.
किसानों के बदल रहे हालात : एनडीडीबी द्वारा टेकओवर किये जाने के बाद पालोजोरी प्रखंड के उपरबांधी समेत नौकाडीहा, दौंधी, फतेहनाथ, तेतरिया, मिशड्रीह, बमनडीहा, करमा, सबैजोर, बमनगामा, कुकराहा, बेलभरना, कुमरबांधी गांव के किसानों की हालात बदल रहे हैं. दुग्ध संग्रह केंद्र में घर बैठे किसानों को बाजार के साथ-साथ दूध का उचित मूल्य प्राप्त हो रहा है. किसानों को बाजार के मुकाबले दूध की बिक्री एनडीडीबी के पासे करने पर अब अधिक मुनाफा हो रहा है. इस मुनाफे से किसानों का रुझान दुग्ध उत्पादन की रोजगार की ओर तेजी से बढ़ रहा है. किसान अब गाय की खरीदारी करने लगे हैं. इसे मुख्य रोजगार का केंद्र मान रहे हैं. उपरबांधी गांव की दुग्ध समिति में 78 किसान जुड़े हुए हैं.
दूध का कारोबार बंद करने वाले थे संजय, अब गांव में मिल गया बाजार : उपबांधी गांव के संजय राय का आठ माह पहले छह गाय थी. इसमें तीन गाय दूध देती थी. इससे प्रत्येक दिन 12 लीटर दूध होता था. लेकिन दूध की बिक्री का कोई बाजार नहीं था. बिचौलिये के माध्यम से दूध आठ किलोमीटर दूर सारठ बाजार में 20 रुपये प्रलि लीटर दूध बेचना पड़ता था. इसमें पैसा काफी हद तक बाजार में बांकी रह गया. धीरे-धीरे दूध के कारोबार में नुकसान हो रहा था. संजय ने बताया वह दूध का कारोबार बंद करने के मूड में थे. लेकिन गांव में दूध संग्रह केंद्र खुालने के बाद दूध का उचित मूल्य समय पर मिलने लगा व इससे मुनाफा बढ़ गया. आज मुझे उसी गाय का दूध 30 रुपये प्रतिलीटर की दर से प्राप्त हो रहा है.
‘ देवघर में दुग्ध उत्पादन की काफी अधिक संभावनाएं हैं. झारखंड में दूध उत्पादन में देवघर दूसरे स्थान पर है. यहां के किसान मेहनती हैं. सिर्फ किसानों को सुविधा देने की आवश्यकता है. आठ माह के दौरान मेधा डेयरी में 550 से बढ़कर छह हजार लीटर दूध प्रतिदिन संग्रह किया जा रहा है. उपरबांधी गांव एक उदाहरण है. दूसरे किसानों को प्ररेणा लेने की आवश्यकता है. इससे किसान आत्मनिर्भर होंगे व अच्छा व्यवसाय कर पायेंगे. दूध उत्पादन को विकसित करने के लिए एनडीडीबी की पूरी टीम युद्ध स्तर पर काम कर रही है’
– तृप्ति, ओएसडी, एनडीडीबी,नई दिल्ली

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