देवघर: निगम चुनाव को लेकर वार्ड का आरक्षण तय हो गया है. नये वार्ड आरक्षण की सूची के अनुसार अब कई वार्ड पार्षदों पर आरक्षण का ग्रहण लग गया है. अब कई दबंग और कई रसूखदारों के वार्ड तो बदल ही गये हैं, आरक्षण के कारण अब वे चुनाव लड़ने से भी वंचित हो जायेंगे. इसलिए अब ऐसे उम्मीदवार अपना अलग रास्ता खोज रहे हैं. सभी अपना विकल्प ढूंढ रहे हैं. क्योंकि नयी आरक्षण रोस्टर के मुताबिक आधी आबादी को पचास फीसदी सीटें दी गयी है.
वहीं अनुसूचित जाति को चार सीटें दी गयी है. आरक्षण तय होने के बाद जहां महिला के लिए सीट रिजर्व है, वहां के वार्ड पार्षद जो सीटींग हैं, अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाने की तैयारी में हैं. कई रसूखदार तो अपने घरों के संभावित उम्मीदवारों को लेकर कार्यक्रमों में शिरकत भी करने लगे हैं. पिछली बार 35 वार्ड के लिए चुनाव हुआ था, जबकि इस बार के चुनाव में एक वार्ड बढ़ा है. अब 36 वार्ड पार्षद सीट पर चुनाव होगा. इस बार परिसीमिन के कारण जहां पार्षदों का एरिया बदल गया है, वहीं आरक्षण कोटि ने पार्षदों की मुश्किलें बढ़ा दी है.
पिछली बार 12, इस बार 18 सीटें महिला के लिए होगा रिजर्व
पिछली बार के नगर निगम चुनाव में 35 में से 12 सीटें ही महिला के लिए रिजर्व था, जबकि इस बार 18 सीटें महिला को दी गयी है. ओबीसी के लिए पिछली बार 13 सीटें रिजर्व थी, जबकि इस बार 14 सीटें पर ओबीसी उम्मीदवार चुनाव लड़ सकेंगे. वहीं अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए पिछली बार चार सीटें रिजर्व रखी गयी थी, जो इस बार भी बरकरार है. इसके अलावा जेनरल उम्मीदवारों के लिए पिछली बार 12 सीटें ही आरक्षित थी जो इस बार बढ़कर 18 हो गयी है.
18 को मेयर पद का आरक्षण होगा क्लीयर
वार्ड पार्षद के लिए तो आरक्षण का क्लीयरेंस हो गया. अब मेयर पद पर संशय के बादल छाया हुआ है. मेयर पद का संशय भी 18 अप्रैल को क्लीयर हो जायेगा. क्योंकि उक्त तिथि को रांची में देवघर निगम में मेयर का पद आरक्षित होगा या नहीं, संशय का बादल छंट जायेगा. पर जो गलियारों में चर्चा है. उसके अनुसार देवघर निगम में मेयर का पद रोटेशन के आधार पर जेनरल महिला के लिए रिजर्व होगा. लेकिन अब महज 48 घंटे का इंतजार है, देवघर निगम का आरक्षण का धुंध साफ हो जायेगा.