देवघर: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के तहत सदर अस्पताल में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर तीन दिवसीय महिला स्वास्थ्य जांच शिविर की शुरुआत हुई. जिप अध्यक्ष किरण कुमारी ने इसका उद्घाटन किया. मगर यह समारोह दो घंटे विलंब से शुरू हुआ. जबकि इसका निर्धारित समय 11 बजे से शुरू होना था. विलंब का कारण […]
देवघर: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के तहत सदर अस्पताल में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर तीन दिवसीय महिला स्वास्थ्य जांच शिविर की शुरुआत हुई. जिप अध्यक्ष किरण कुमारी ने इसका उद्घाटन किया. मगर यह समारोह दो घंटे विलंब से शुरू हुआ. जबकि इसका निर्धारित समय 11 बजे से शुरू होना था. विलंब का कारण समारोह की मुख्य अतिथि जिप अध्यक्ष के विलंब से पहुंचना बताया जाता है.
उधर, महिला हित में आयोजित इस जिलास्तरीय कार्यक्रम की जहां एक तरफ जन प्रतिनिधियों द्वारा उपेक्षा हुई वहीं दूसरी ओर जिले भर की महिला कर्मियों के बीच परिवार नियोजन से संबंधित परचों के साथ दवाइयों का भी वितरण किया गया. सभी दवाइयां शार्ट एक्सपायरी थी.
मामले का खुलासा होने के बाद स्वास्थ्य महकमा दवाइयों को फेंक कर पल्ला झाड़ने का प्रयास किया. मगर स्थानीय लोगों के सक्रिय होने पर आनन-फानन में अस्पताल प्रबंधन की ओर से अस्पताल प्रबंधक चंद्र शेखर महतो ने दवाइयों को बटोरना शुरू किया. अंतत: दवाइयों को इकट्ठा कर अस्पताल के स्टोर में पहुंचाया गया. जहां से अगले दो दिनों तक महिलाओं के बीच वितरित होना है. इधर, आधा घंटा के बाद समारोह का पंडाल भी खोल लिया गया. जबकि पंडाल लगे रहने से दूर-दराज से आने वाली महिलाओं को सुविधा होती.
दवाइयों पर मार्च की एक्सपायरी तिथि अंकित
शिविर में वितरित होने वाली दवाइयों पर अप्रैल 2013 में मैन्यूफैरिंग व मार्च 2015 में एक्सपायरी तिथि अंकित है. जिस पर स्वास्थ्य महकमा ने ध्यान नहीं दिया.
कहते हैं सीएस
सहियाओं को सम्मान देने व उन्हें प्रशस्ति पत्र प्रदान करने के लिए पंडाल लगा था. जहां तक स्वास्थ्य जांच की बात है. तो वह तय कार्यक्रम के अनुसार अस्पताल परिसर में जांच किया जायेगा. दवा फेंकने के सवाल पर उन्होंने कहा कि दवा फेंकी नहीं गयी है. दवा एक्सपायरी भी नहीं है. दवा का इस्तेमाल मार्च माह के अंत तक बिल्कुल सुरक्षित ढंग से किया जाना संभव है. वहीं दवा फेंकने की कोई बात सामने आयेगी. तो उसकी जांच करवा कर आवश्यक कार्रवाई भी की जायेगी. दवा फेंकने का सवाल ही नहीं उठता.
– डॉ दिवाकर कामत, सिविल सजर्न, देवघर