देवघर: बड़े तामझाम के साथ इस बार देवघर श्रावणी मेले में टाइम स्लॉट सुविधा पास व रिस्ट बैंड सिस्टम लांच किया गया. लकिन यह सिस्टम शुरू होने से पहले ही फेल हो गया. तीन-चार दिनों तक व्यवस्था रिस्टोर नहीं होने से अफरा-तफरी मच गयी थी, पुलिस ने भीड़ नियंत्रण के लिए लाठी चार्ज किया, कांवरिये गंभीर रुप से घायल हुए . सरकार ने संज्ञान लिया और सीएम ने ‘ टाइम स्लॉट सिस्टम ‘ को बंद करने का आदेश दे दिया.
बहरहाल, सिस्टम तो बंद हो गया लेकिन प्रशासनिक अदूरदर्शिता के कारण इस सिस्टम ने बाबा मंदिर प्रबंधन बोर्ड पर वित्तीय भार बढ़ा दिया है. अब बोर्ड पेशोपेश में है कि यह सिस्टम बैन हो गया तो खरीदे गये कंप्यूटर व अन्य तकनीकी सामग्रियों का क्या होगा. मिली जानकारी के अनुसार सिस्टम की खरीद व टाइम स्लॉट एक्टीवेशन सेंटर के लिए बने पंडाल आदि के निर्माण पर हुए खर्च का आकलन किया जाये तो यह राशि लगभग एक करोड़ को छू जायेगा.
टेंडर से खरीदी गयी सामग्री
हालांकि टाइम स्लॉट के लिए खरीदी गयी तकनीकी सामग्रियों की खरीद टेंडर के जरिए हुई है. टेंडर के जरिए जो कंप्यूटर आदि खरीदे गये, उसमें 180 कंप्यूटर, 180 प्रिंटर, 180 वेब कैमरा, स्कैनर, 50 लाख रिस्ट बैंड(प्रिंटेड), टाइम स्लॉट सुविधा पास(प्रिंटेड) आदि शामिल हैं. इनमें कुछ नयी और कुछ सैकेंड हैंड सिस्टम भी खरीदा गया.
दुबई से आया रिस्ट बैंड
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रबंधन बोर्ड ने 50 लाख रिस्ट बैंड दुबई से आयात किया है. प्रति बैंड की कीमत लगभग 1 रुपये 40 पैसे की दर से मंगाया गया. इस तरह लगभग 72 लाख रुपये का निवेश रिस्ट बैंड की खरीद में हुआ. जिसमें आधा पैसा एयरटेल व इफको कंपनी ने स्पांसर किया. जबकि शेष राशि प्रबंधन बोर्ड ने दिया.