देवघर: श्रावणी मेले के दौरान हर तरफ लूट मची हुई है. मेले में लोग ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में श्रद्धालुओं की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. इस लिहाज से पूरे कांवरिया पथ में एक-दो सिंडिकेट काम कर रहा है. जो खाद्य पदार्थ बेचने वाले दुकानदारों को मानक पर खरा न उतरने के बावजूद सिंथेटिक दूध व दही की आपूर्ति कर रहे हैं. कांवरिया पथ में नाश्ता व होटल चलाने वाले दुकानदार भी थोड़े पैसे की लालच में कांवरियों व श्रद्धालुओं को धड़ल्ले से परोस रहे हैं.
इसका खामियाजा थके-हारे कांवरियों को उठाना पड़ता है. लोग फूड प्वाइजनिंग, डायरिया, टाइफाइड आदि बीमारियों के शिकार हो अस्पताल में जाने को बाध्य होते हैं.
सिंडिकेट कर रहा काम
सूत्रों की माने तो मेला क्षेत्र व कांवरिया पथ पर रोहिणी व झारखंड बॉर्डर के आगे से इस तरह की दही पहुंचायी जाती है. इसके पीछे एक बड़ा सिंडिकेट है जो असली दही का रूप देने के लिए उसे मिट्टी के पात्रों में वनस्पति घी का लेप लगाने के बाद उसमें पाउडर दूध का प्रयोग कर घोल डालते हैं. फिर उसे दही जमाने की प्रक्रिया के तहत उसे असली दही का रूप देते हैं. इसके बाद सिंडिकेट का मेंबर बाजार में इस तरह की दही सप्लाइ करते हैं. दुकान में इस तरह की दही के ऊपरी परत को देख धोखा खा जाते हैं. गलत-सही को परखे बिना खरीद लेते हैं. बाद में उन्हें इसका खामियाजा ङोलना पड़ता है.
प्रशासन करे पहल
प्रशासन को इस दिशा में पहल करते हुए श्रद्धालुओं के सेहत का ख्याल रखते हुए अभियान चला कर धड़-पकड़ करनी चाहिए.
प्रशासन ने खाद्य पदार्थो की सैंपलिंग तो करवायी है. मगर किसी दुकान के दही का अब तक सैंपलिंग नहीं करवाया गया है.