देवघर: पटाखा की थोक व खुदरा दुकान भीड़भाड़ वाले इलाके में नहीं होनी चाहिए. किंतु नियम को ताक पर रख कर देवघर के भीड़ वाले इलाके मुख्य बाजार में दर्जनों पटाखा दुकानें खुल गयी हैं. इतना ही नहीं पटाखा के कारोबारी बड़ा स्टॉक कर थोक दुकानदारी भी धड़ल्ले से कर रहे हैं.
एक-दो पटाखा के थोक विक्रेता मुख्य बाजार शीतला मंदिर के समीप हैं तो एक कारोबारी बैजू मंदिर गली व एक कारोबारी सीपी ड्रोलिया रोड ट्रेकर स्टैंड होकर मंदिर जाने वाली गली में है. इनमें से कितने के पास थोक बिक्री का लाइसेंस है. इसकी भी जानकारी नहीं मिल पा रही है, किंतु उपरोक्त सभी दुकानदार थोक पटाखे की बिक्री में जुटे हैं. कितने लक्ष्सेंसी व थोक विक्रेता जिले में हैं, इसकी भी जानकारी अग्निशमन विभाग को नहीं है.
पूछने पर अग्निशमन विभाग ने सिर्फ इसकी पुष्टि की है कि अब तक तीन पटाखा कारोबारियों ने लाइसेंस के लिये उनलोगों से एनओसी प्राप्त की है. अब दीपावली में मात्र दो दिन शेष बचे हैं. दर्जनों पटाखा दुकानें शहर में चल रही है. इससे सरकार को अच्छे राजस्व की हानी हो रही है. वहीं अगर भीड़ वाले इलाके में संचालित पटाखा दुकान में कोई दुर्घटना होने पर वहां तक अग्निशमन विभाग की दमकल को भी पहुंचने में कठिनाई हो सकती है.
क्या है नियम
विस्फोटक अधिनियम के तहत पटाखा की दुकानें व गोदाम भीड़ भरी जगह में नहीं होनी चाहिए. पटाखा दुकानें खुली जगह व चौड़े रास्ते पर हो ताकि कोई दुर्घटना होने पर अग्निशमन विभाग का दमकल आसानी से पहुंच सके. एक-दूसरे पटाखा दुकानों के बीच की दूरी करीब 15 मीटर होनी चाहिए. पटाखा दुकानों में कपड़े की शेड नहीं हो. वहीं बिना लाइसेंस की कोई दुकानें नहीं चले. इस संबंध में एसपी राकेश बंसल के स्तर से एसडीपीओ सहित इंस्पेक्टर व सभी थाना प्रभारी को पत्र जारी कर उपरोक्त नियमों के अनुपालन का निर्देश जारी किया गया है. बावजूद पुलिस के स्तर से पटाखा दुकानों का निरीक्षण तक नहीं किया गया है.