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45 लाख में लगाये गये महज 13 आम के पेड़!
अमरनाथ पोद्दार देवघर : राष्ट्रीय बागवानी मिशन का देवघर में बुरा हाल है. लाखों खर्च होने के बाद भी धरातल पर सच्चाई कुछ अलग ही है. जिला उद्यान कार्यालय से राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत वित्तीय वर्ष 2009-10 में देवघर प्रखंड के झिलुआ चांदडीह, बनियासार, लतबेदिया, बंधा कंदुआ व रांगा गांव में कुल 20 हजार […]
अमरनाथ पोद्दार
देवघर : राष्ट्रीय बागवानी मिशन का देवघर में बुरा हाल है. लाखों खर्च होने के बाद भी धरातल पर सच्चाई कुछ अलग ही है. जिला उद्यान कार्यालय से राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत वित्तीय वर्ष 2009-10 में देवघर प्रखंड के झिलुआ चांदडीह, बनियासार, लतबेदिया, बंधा कंदुआ व रांगा गांव में कुल 20 हजार आम का पौधा लगाने का जिम्मा रचना संस्था को सौंपा गया था.
इसमें सिंचाई सुविधा के लिए कूप का निर्माण भी जुड़ा था. इस कार्य के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन से रचना संस्था को दो किस्तों में लगभग 45 लाख रुपया भुगतान किया गया था, लेकिन इतनी राशि खर्च होने के बाद भी इन पांच गांवों में इन दिनों धरातल पर महज 13 आम का पौधा ही बचा है. इसमें रांगा गांव में 11, लतबेदिया व बंधा कंदुआ में एक-एक पौधा शेष बचा है. पेज पांच भी देखें
इन कार्यो के एवज में संस्था को अंतिम भुगतान की स्वीकृति 13 जनवरी 2011 को तत्कालीन डीसी की अध्यक्षता आयोजित बैठक में दी गयी थी.
200 हेक्टेयर भूमि पर लगना था पौधा : संस्था के साथ हुई इकरारनामा के अनुसार, पांच गांवों में कुल 200 हेक्टेयर भूमि पर आम का पौधा लगाया जाना था. इसमें प्रत्येक हेक्टेयर में 100 आम का पौधा लगाना था. राष्ट्रीय बागवानी मिशन के गाइड लाइन के अनुसार, संस्था द्वारा लाभुकों का चयन कर स्थल चयनित करना पड़ता है. तीन वर्षो तक पौधारोपण से लेकर सिंचाई व पौधों की देखभाल की जिम्मेवारी संस्था की होती है. इन तीन वर्षो में गड्ढों की खुदाई, पौधारोपण, खाद व सिंचाई शामिल है.
‘‘ वर्णित पांच गांवों में 20 हजार आम का पौधा लगाने की जिम्मेवारी संस्था को मिली थी. तीन वर्ष तक संस्था के पास देखभाल का दायित्व था. उस अनुसार देखभाल कर लाभुकों को पौधा हेंडओवर कर दिया गया. पौधा अगर स्थल पर नहीं है तो नष्ट होने के कई तकनीकी कारण हो सकते हैं. हालांकि जिलास्तर पर जांच होने के बाद ही संस्था को भुगतान मिला है.
– संजय उपाध्याय, डायरेक्टर, रचना, देवघर
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