देवघर: जिले में मनरेगा की राशि खत्म हो गयी है. केंद्र सरकार से मनरेगा का आवंटन पिछले दो माह से नियमित नहीं हो रही है. देवघर में कुल 6.62 करोड़ रुपया मनरेगा मद में बकाया है. इसमें करीब चार करोड़ रुपया मजदूरी मद में बकाया है.
जबकि शेष राशि मेटेरियल मद का है. इससे मनरेगा में काम कर चुके 42 हजार मजदूरों का भुगतान पिछले दो माह से अटका है. इससे मनरेगा एक्ट की खुलेआम धज्जियां उड़ रही है. निमयों के तहत 15 दिनों के अंदर मनरेगा मजदूरों को हर हाल में भुगतान करना है. लेकिन समय पर मजदूरी नहीं मिलने से मजदूर कर्ज के चंगुल में फंस रहे हैं. मजदूर अपने भुगतान को लेकर प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. आये दिन प्रखंडों में मजदूरों का विरोध हो रहा है.
ढाई माह पहले जिला प्रशासन ने 25 करोड़ रुपये का डिमांड राशि राज्य सरकार व केंद्र सरकार को भेजी थी. इसमें महज चार करोड़ रुपया प्राप्त हुआ. मनरेगा में बकाये की यह स्थिति दो माह से चल रही है. बार-बार प्रस्ताव भेजे जाने के बावजूद समय पर राशि उपलब्ध नहीं करायी जा रही है. मनरेगा की इस स्थिति से मजदूरों का मनरेगा के प्रति विश्वास उठ रहा है. पैसा का भुगतान नहीं होने के कारण 300 से अधिक मनरेगा का कुआं जिले भर में धंस चुका है. राशि के अभाव में दोबारा निर्माण कार्य चालू नहीं हो रहा है.