आशीष कुंदन
आय करोड़ों में, स्वास्थ्य सुविधा नदारद, भगवान भरोसे यात्री
देवघर : करोड़ों की आय देने वाले जसीडीह स्टेशन में स्वास्थ्य की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है. कोई बड़ी आकस्मिक घटना अगर होती है तो उससे निबटने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है.
ऐसी स्थिति में रेलवे को देवघर सदर अस्पताल के भरोसे रहना पड़ता है. इस जोन में आसनसोल के बीच कहीं रेलवे का कोई बड़ा अस्पताल नहीं है. स्थिति यह है कि जसीडीह में रेलवे के डॉक्टर की नियुक्ति तो है ही नहीं, वहीं किसी कंपाउंडर तक नहीं है.
संताल का रेल प्रवेश द्वार माना जाता है जसीडीह
संताल के रेलवे का जसीडीह को प्रवेश द्वार माना जाता है. सावन में तो श्रद्धालु यहां आते ही हैं. वहीं सालो भर देश-विदेश के श्रद्धालुओं, पर्यटकों का भी आना-जाना लगा रहता है.
सावन में यात्री अदा करते अतिरिक्त कर
सावन महीने में रेलवे की ओर से यात्रियों से सुविधा के नाम पर अतिरिक्त टैक्स वसूला जाता है. लेकिन यात्रियों को रेलवे द्वारा किसी तरह की सुविधा नहीं मुहैया करायी जाती है.
सावन में अगर स्टेशन पर स्वास्थ्य शिविर भी खोला जाता है तो वह देवघर जिला-प्रशासन का बंदोबस्त रहता है.
आदर्श स्टेशन है जसीडीह
जसीडीह स्टेशन को सरकार द्वारा आदर्श स्टेशन बनाने के दिशा में कार्य भी शुरू है. बावजूद स्वास्थ्य सुविधा को दुरुस्त करने की दिशा में किसी का ध्यान नहीं है.