मधुपुर : अंचल कार्यालय में पिछले एक वर्ष से जमीन का नामांतरण पूरी तरह से बंद है. जमीन का नामांतरण नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी हो रहा है. जरूरत पड़ने के बाद भी बीमारी के इलाज या शादी विवाह जैसे कार्यों के लिए भी लोग नामांतरण के अभाव में अपनी जमीन नहीं बेच पा रहे हैं, क्योंकि बिना नामांतरण कराये जमीन की खरीद बिक्री संभव नहीं है.
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मधुपुर : एक साल से ठप पड़ा जमीन का नामांतरण
मधुपुर : अंचल कार्यालय में पिछले एक वर्ष से जमीन का नामांतरण पूरी तरह से बंद है. जमीन का नामांतरण नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी हो रहा है. जरूरत पड़ने के बाद भी बीमारी के इलाज या शादी विवाह जैसे कार्यों के लिए भी लोग नामांतरण के अभाव में अपनी जमीन नहीं बेच […]
जनवरी 2018 में हुआ था आखिरी नामांतरण
बताया जाता है कि मधुपुर में जमीन का आखिरी नामांतरण जनवरी 2018 में हुआ था. उसके बाद से अभी तक एक भी जमीन का नामांतरण अंचल कार्यालय में नहीं हुआ है. बताया जाता है कि चालू वित्त वर्ष के एक अप्रैल से सात फरवरी 2018 तक जमीन नामांतरण के लिए कुल 146 लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किया है.
लेकिन कोई न कोई कारण लगा कर अधिकतर का आवेदन खारिज कर दिया गया. सिर्फ पिछले जनवरी माह से अब तक के सात आवेदन को पेंडिंग में रखा गया है. हालांकि, म्यूटेशन के लिए सरकार ने एक माह की अवधि तय कर रखी है. लेकिन इस दौरान म्यूटेशन नहीं करके आवेदन ही खारिज कर दिया जा रहा है.
इसके अलावा अपने जमीन की विवरणी लोगों को ऑनलाइन दर्ज कराने और जमीन की एनओसी लेने के लिए भी दर्जनों बार अंचल कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है. अधिकतर समय संबंधित अधिकारी या कर्मचारी दूसरे जगह रहते हैं. जब कार्यालय में मिलते है तो कोई न कोई बहाना बना कर काम को आगे टाल दिया जाता है.
कहते हैं अंचल अधिकारी
नामांतरण के लिए जो भी आवेदन किये जा रहे है. वे सब त्रुटियुक्त होते हैं. अधिकतर जमीनों का सर्वे नहीं हुआ. जमीन की किस्म की जगह सिर्फ क प्लॉट भर दिया जाता है. जिस कारण म्यूटेशन नहीं हो पा रहा है. इसकी जानकारी वरीय अधिकारियों को लिखित भेज दी गयी है.
मनीष कुमार, सीओ
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