देवघर : यदि आप कांवर यात्रा को जा रहे हैं या घर बैठे कांवर यात्रा का लाइव दर्शन करना चाहते हैं तो आपके लिए भागलपुर जिला प्रशासन ने डिजिटल सुविधा उपलब्ध कराया है. अपने स्मार्ट फोन पर श्रावणी मेला 2018 एप डाउनलोड करिये और इंस्टॉल होने के बाद एप में प्रवेश कीजिए, प्रवेश करते ही आपको कांवर यात्रा का दर्शन होने लगेगा. एप खुलते ही आपका स्वागत ”चल कांवरिया, चल कांवरिया, चल कांवरिया चल कांवर उठा…गीत से होगा.
वास्तव में श्रावणी मेले में इस बार भागलपुर जिला प्रशासन ने शानदार एप बनाया है. यह एप तीर्थयात्रियों को सुल्तानगंज से बाबाधाम तक सुरक्षित व सुविधाजनक यात्रा के लिए डिजिटल जानकारियां दे रहा है. इस एप की जानकारी रखने वाले न भटक सकते हैं न खो सकते हैं और न ही किसी संकट में पड़ सकते हैं. इस एप की सबसे बड़ी खासियत है कि कोई भी श्रद्धालु या उनके सगे संबंधी अपने स्मार्ट फोन पर उत्तरवाहिनी गंगा की लाइव तस्वीरें देख सकते हैं. यही नहीं एप में एबुलेंस,
सुलतानगंज से बाबाधाम तक…
डॉक्टर, आवासन, टॉयलेट का लोकेशन आपके स्मार्ट फोन पर क्लिक करते ही मिल जायेगा.
आपातकाल के लिए डिजिटल सुरक्षा : श्रावणी मेला 2018 के इस एप में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के डिजिटल इंतजाम हैं. जब आप कांवरयात्रा के लिए निकल रहे हैं तो इस एप में एसओएस पर क्लिक करके अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड कर लीजिए. अपने मोबाइल का लोकेशन अॉन कर लीजिए. उसमें अॉप्शन दिया है कि कॉल हेल्प लाइन, उसे दबाते ही आपको नंबर आ जायेगा, जिस पर आपको इमरजेंसी में कॉल करना है. यदि कॉल नहीं कर सकते हैं तो उसी में नीचे केसरिया रंग का प्लेट दिया गया है : ”सहायता! मैं खतरे में हूं” को दबायेंगे तो पुलिस कंट्रोल रूम के आपदा प्रबंधन विभाग के पास आपका मैसेज चला जायेगा. और अापको त्वरित सहायता मिलेगी. वहीं जब खतरा टल गया है तो उसकी सूचना देने के लिए ”अब मैं सुरक्षित हूं(ग्रीन रंग के प्लेट) दबाइये. आपका मैसेज पुलिस तक पहुंच जायेगा. आपके रजिस्टर्ड लोकेशन के आधार पर आपकी ट्रैकिंग पुलिस कर सकेगी.
एप से करें उत्तरवाहिनी गंगा का लाइव दर्शन : इस एप में चार लाइव सीसीटीवी कैमरे की सुविधा दी गयी है. जिसे क्लिक करके आप कैमरा-1 से उत्तरवाहिनी गंगा, गंगा घाट जहां जल भरते हैं श्रद्धालु और बाबा अजगैवीनाथ का लाइव दर्शन होगा. वहीं कैमरा-2 सुल्तानगंज घाट पर बने प्रशासनिक शिविर और रास्ते का लाइव करता है. कैमरा-3 में मार्केट और चौराहे का दृश्य लाइव चलता है वहीं कैमरा-4 में कांवरिया पथ से बाबाधाम की ओर रवाना होते श्रद्धालुओं को लाइव देखा जा सकता है.
एप में अपने तीर्थ पुरोहित को भी खोज सकते हैं : इस एप में जिला प्रशासन एक सुविधा यह भी दिया है कि आप अपने मनचाहे तीर्थ पुरोहित (पंडे) से मिल सकते हैं उन्हें कॉल कर सकते हैं और संकल्प करवा सकते हैं. इस एप में 210 पंडों का नाम पंजीकृत है, उनकी सूचनाएं दर्ज है.
क्या-क्या है सुविधाएं
स्थान खोजने का अॉप्शन : सुरक्षित घाट का नक्शा, एटीएम, स्वास्थ्य केंद्र, हैंडपंप व सूचना केंद्र कहां-कहां है, इस अॉप्शन को दबाते ही आपको सारी जानकारी मिलेगी.
हेल्प लाइन : इसके तहत मेला हेल्प लाइन, अापदा हेल्पलाइन, इलेक्ट्रिक हेल्पलाइन, खाद्य निरीक्षक, चिकित्सा निरीक्षक, पारा मेडिकल, स्वास्थ्य, केंद्रीकृत संपर्क, दर चार्ट : खाद्य दर और पूजा सामग्री की दर आदि मिलेगी.
खासियत : सुल्तानगंज से बाबाधाम प्रवेश द्वार दुम्मा तक 30 एंबुलेंस कहां-कहां तैनात हैं, ड्राइवर का नाम और फोन नंबर भी उपलब्ध है. डायल करके एंबुलेंस को लोकेशन के अनुसार कॉल कर सकते हैं. इसके अलावा शौचालय कहां-कहां है, कितनी दूरी पर है, पीने के पानी व्यवस्था कहां-कहां है, पुलिस स्टेशन कहां-कहां और कितनी दूरी पर है, बाथरूम और स्नानागार कहां और कितनी दूरी पर है दिया गया है.
क्या है खास
अगर आप संकट में हैं तो ट्रैक कर सकेगी पुलिस
सुरक्षा व सविधाओं की जानकारी से लैस है एप
सुल्तानगंज उत्तरवाहिनी गंगा का दर्शन कराता है एप का लाइव कैमरा
श्रावणी मेला के दौरान चल रही भीड़ का लगातार मिल रहा अपडेट
कहां है शौचालय, कहां है स्नानागार, कहां है रुकने का स्थान, सब-कुछ इस एप से जानिये
ये है झारखंड का श्रावणी मेला एप
झारखंड के बाबाधाम में देवघर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जो एप बनाया है. उसका नाम ‘बाबा बैद्यनाथधाम’ है. इस एप को भी प्ले स्टोर से अपने स्मार्ट फोन पर डाउनलोड कर सकते हैं. इस एप में बाबा बैद्यनाथ की महत्ता, श्रावणी मेले की महत्ता, कतार कितनी लंबी है, होटल और लॉज के नाम व फोन नंबर, अस्पताल और स्वास्थ्य शिविरों का पता व फोन नंंबर, जिला व पुलिस प्रशासन के महत्वपूर्ण फोन नंंबर और मेला हेल्प लाइन नंबर की सुविधा दी गयी है. झारखंड के एप में कहीं भी लाइव दर्शन की सुविधा नहीं दी गयी है. जबकि देवघर और रांची में इस बार सरकार के निर्देश पर इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम बनाया गया है. जहां से पूरे मेला क्षेत्र की मॉनिटरिंग हो रही है. लेकिन यह सिर्फ अधिकारियों और रांची में सीएम व पदाधिकारियों के लिए ही है.