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देवघर में जमीन बन रही जान का दुश्मन
देवघर : देवघर में जमीन अब लोगों की जान का दुश्मन बन रही है. मंगलवार को रमेश हरि व मुन्ना सिंह की हुई गोली मारकर हत्या ने एक बार फिर इस इलाके में जमीन विवाद में वर्षों से चल रहे खूनी तांडव को दोहरा दिया है. पिछले दस वर्षों के दौरान महेशमारा से बैजनाथपुर, विराजपुर, […]
देवघर : देवघर में जमीन अब लोगों की जान का दुश्मन बन रही है. मंगलवार को रमेश हरि व मुन्ना सिंह की हुई गोली मारकर हत्या ने एक बार फिर इस इलाके में जमीन विवाद में वर्षों से चल रहे खूनी तांडव को दोहरा दिया है. पिछले दस वर्षों के दौरान महेशमारा से बैजनाथपुर, विराजपुर, ब्रह्मपुर व बंधा मौजा तक जमीन के विवाद में हत्या, गोली-बारी, बमबाजी व दो गुटों में वर्चस्व की लड़ाई में भिड़ंत की कई घटनाएं हो चुकी हैं.
बंधा के तरनटिल्हा में जमीन विवाद में बदली देवी की हत्या बम मारकर कर दी गयी थी. 15 वर्ष पहले बैजनाथपुर में जगरनाथ मंडल की हत्या जमीन विवाद में ही कर दी गयी थी. छिंट बंधा की जमीन के विवाद में ही एक चाय वाले पर बम से हमला कर घायल कर दिया गया था. बंधा में ही सीबीआइ जांच के दायरे वाली नॉन सेलेबल जमीन पर कब्जा को लेकर दो गुटों मारपीट व फायरिंग की घटनाएं हो चुकी है. इन इलाकों में नन सेलेबुल जमीन पर कब्जा व वर्चस्व की लड़ाई अक्सर होती रही है. सीबीआइ के रिटायर्ड इंस्पेक्टर तक को पीट दिया गया है. जमीन पर कब्जे को लेकर मारपीट व भिड़ंत की शिकायतें पुलिस को भी मिलती रही है.
इसके बाद भी पुलिस इसे रोकने में विफल रही है. पहले से हो रहे हमले के बाद रमेश हरि ने कई बार सुरक्षा की गुहार पुलिस से लगायी थी, लेकिन पुलिस हमेशा इस विवाद को हल्के में लेती रही.
आठ वर्षों से चल रहा विजय व रमेश के बीच विवाद
महेशमारा की जिस जमीन को लेकर रमेश हरि की हत्या की गयी, उसका विवाद पिछले आठ वर्षों से चल रहा था. विजय मंडल व रमेश हरि में कई बार टकराहट हो चुका था. इस विवाद में रमेश को कई बार निशाना बनाया गया, जिसमें वह बाल-बाल चुका थे. कुछ वर्ष पहले दुमका कोर्ट से लौटने के क्रम में घोरमारा में भी रमेश पर हमला हुआ था.
पिछले वर्ष भी रमेश पर उसके घर के सामने ही रात 10 बजे बम से हमला किया गया था. इसमें भी रमेश बच गये थे. कुछ महीने पहले भी विजय ने रमेश के साथ गाली-गलौज कर मारपीट की थी. इस मामले में रमेश ने मोहनपुर थाने में विजय पर एसी-एसटी एक्ट के तहत केस भी दर्ज कराया था.
तीन एकड़ जमीन की वजह से उतार दिया मौत के घाट
विजय मंडल का पैतृक घर घोरमारा के बांक गांव में है. विजय अपने परिवार के साथ महेशमारा में बसा था. जिस तीन एकड़ नॉन सेलेबल जमीन पर विजय व रमेश के बीच विवाद चल रहा था, वह जमीन विजय के घर के पीछे है. करोड़ों की इस जमीन पर शहर के कई भू-माफियाओं की नजर पड़ चुकी थी.
जमीन को लेकर विजय के साथ इस जमीन की डील को लेकर कई भू-माफिया सक्रिय थे. रमेश अपने इस पर्चा की जमीन को बचाने के लिए न्यायिक लड़ाई लगातार लड़ रहे थे. जिला कोर्ट से रमेश के पक्ष में फैसला भी आ चुका था. मामला कमिश्नर कोर्ट में चल रहा था. बताया जाता है कि रमेश अपना पक्ष रखने कमिश्नर कोर्ट जाने वाले थे, इससे पहले उनकी हत्या कर दी गयी.
अभी भी कई इलाके में जमीन विवाद में तनाव
ब्रहमपुर में भी जमीन विवाद में ही तीन वर्ष पहले जमकर मारपीट हुई थी व वाहन को आग के हवाले कर दिया गया था. बंधा व गौरा में नन सेलेबुल जमीन की बिक्री व वाद में फिर से घेराबंदी तोड़ कब्जा कर दोबारा बेचने को लेकर अभी भी कई प्लॉट में तनाव है. विराजपुर में सीबीआइ के दायरे वाली जमीन पर निर्माण को लेकर दो गुटों पिछले कई दिनों से तनाव है. इसकी सूचना पुलिस को भी दी गयी है. बावजूद इसके पुलिस की ओर से रुचि नहीं दिखाने पर एसडीएम कोर्ट को रिमाइंडर भेजना पड़ा.
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