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फसलों में छिड़काव बंद, मशीनें हुई खराब

देवघर में प्लांट प्रोटेक्शन सेंटर का अपना एक कार्यालय भी नहीं करौं, देवीपुर, मारगोमंंुडा के सेंटर में नहीं है कर्मी देवघर : कृषि विभाग से फसलों व पौधों को कीड़े से बचाने के लिए हरेक जिले में प्लांट प्रोटेक्शन सेंटर की स्थापना हुई है. देवघर में भी यह प्लांट प्रोटेक्शन सेंटर तो खुला है, लेकिन […]

देवघर में प्लांट प्रोटेक्शन सेंटर का अपना एक कार्यालय भी नहीं

करौं, देवीपुर, मारगोमंंुडा के सेंटर में नहीं है कर्मी
देवघर : कृषि विभाग से फसलों व पौधों को कीड़े से बचाने के लिए हरेक जिले में प्लांट प्रोटेक्शन सेंटर की स्थापना हुई है. देवघर में भी यह प्लांट प्रोटेक्शन सेंटर तो खुला है, लेकिन पूरी तरह यह सेंटर निष्क्रिय है. फसलों में छिड़काव के लिए विभाग से उपलब्ध करायी गयी मशीनें खराब पड़ी हुई है. देवघर में प्लांट प्रोटेक्शन सेंटर का अपना एक कार्यालय तक नहीं है. जिला कृषि कार्यालय में ही खराब मशीनें रखी हुई हैं. शेष अन्य खराब मशीनें देवघर प्रखंड कार्यालय परिसर के एक भवन में बंद हैं. जिला मुख्यालय समेत आठ प्रखंडों में प्लांट प्रोटेक्शन सेंटर की स्वीकृति कागज पर है. जिला मुख्यालय में एक इंस्पेक्टर, सुपरवाइजर समेत एक कर्मी है,
जबकि चार कर्मियों के सहारे सात प्रखंडों में यह सेंटर संचालित है. भवन के अभाव में प्रखंडों में भी मशीनें नहीं हैं. अभी करौं, देवीपुर, मारगोमुंडा में सेंटर में कर्मी तक नहीं है. जिला कृषि कार्यालय में ही इंस्पेक्टर, सुपरवाइजर व कर्मी बैठते हैं. जिले भर के किसानों को लाभ लेने के लिए मुख्यालय आना पड़ता है.
पांच रुपये प्रति हेक्टेयर छिड़काव का शुल्क
प्लांट प्रोटेक्शन सेंटर का प्रमुख कार्य फसलों में होने वाली बीमारियां व कीड़े लगने से बचाना है, लेकिन विभागीय रवैये से इसका फायदा किसानों को नहीं मिल रहा है. विभागीय मापदंड के अनुसार, अगर खरीफ व रबी फसलों में कीड़े लग जाते हैं, तो किसान प्लांट प्रोटेक्शन सेंटर में इसकी सूचना देंगे. सेंटर से टीम फसलों का जायजा लेने जायेगी व इंस्पेक्टर की रिपोर्ट के बाद जिन कीटनाशक का छिड़काव होगा, किसान उसकी खरीदारी बाजार से करेंगे. उसके बाद किसानों से पांच रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से कीटनाशक का छिड़काव मशीन से किया जायेगा. किसानों को ही पांच रुपये प्रति हेक्टेयर चुकाना होगा.
प्लांट प्रोटेक्शन सेंटर में कर्मियों का अभाव है. प्रमंडलीय कार्यालय के माध्यम से कर्मियों का डिमांड विभाग को भेजा गया है. प्रखंड व जिला में अपना भवन तक नहीं है. सभी कर्मियों को कृषि कार्यालय में बैठना पड़ता है. कुछ मशीनों में मामूली खराबी थी, जिसे अब ठीक कर लिया गया है.
– मनीष कुमार, इंस्पेक्टर, प्लांट प्रोटेक्शन सेंटर, देवघर

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