देवघर: सूबे के सभी जेलों में कर्मियों की कमी है. बहुत जल्द कमी को दूर कर लिया जायेगा. इसके लिये नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ कर दी गयी है. उक्त बातें मंडल कारा निरीक्षण में पहुंचे झारखंड के जेल आइजी शैलेंद्र भूषण ने कही. पत्रकारों से बातचीत के क्रम में उन्होंने कहा कि पानी के अभाव में पिछले तीन साल से मधुपुर जेल का निर्माण कार्य बंद है.
इसे पूरा होने में अब भी कम से कम दो साल का वक्त लगेगा. मधुपुर में जेल भवन का काम पूरा करने के लिए चेतनारी नदी से पानी की व्यवस्था करायी जा रही है. इसका प्राक्कलन तैयार कराया गया है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को जिम्मेदारी दी गई है. उन्होंने कहा कि सव्रे कराया जायेगा कहां पानी निकल सकता है. इसके बाद जेल परिसर व आसपास में फिर नयी बोरिंग करायी जायेगी. जेल आइजी ने कहा कि झारखंड निर्माण के 13 वर्षो में यहां की सभी जेल की व्यवस्था में सुधार हुआ है. बावजूद अब भी राज्य के जेलों में ओवर क्राउड है.
निर्माण के समय यहां की जेलों में चार से पांच हजार बंदी रखने की क्षमता थी, जिसे बढ़ाकर अब 14-15 हजार किया गया है. इसके बावजूद भी यह पर्याप्त नहीं है, क्योंकि यहां वर्तमान में बंदियों की संख्या 16-17 हजार है. मंडल कारा देवघर के निरीक्षण पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि व्यवस्था ठीक है. किसी बंदी ने कोई शिकायत नहीं की. प्रावधान के अनुरूप उन्हें नाश्ता व भोजन दिया जाता है जिन महिला बंदियों के साथ बच्चे हैं, उनके लिए दूध की भी व्यवस्था है. यहां भी क्षमता से अधिक कैदी है, इसके लिए अतिरिक्त वार्ड बनाने की योजना है. नये कारा निर्माण के लिये जिला प्रशासन के सहयोग से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रि या चल रही है. मौके पर जेल एआइजी दीपक विद्यार्थी, जेल अधीक्षक हामिद अख्तर व जेलर अश्विनी कुमार तिवारी मौजूद थे.
सफाई कर्मियों ने लगायी गुहार
मंडल कारा में सफाई कार्य कर रहे दैनिक वेतनभोगी कर्मियों ने आइजी के समक्ष अपनी फरियाद रखी. मनोज मेहतर ने कहा कि वह वर्ष 1976 से काम कर रहा है और वर्तमान में उसे 6050 रु पए प्रतिमाह मिलता है. अनुपिस्थति दिखाकर कई दिन का वेतन काट लिया जाता है. इधर, पांच माह से कार्यरत सभी सफाई कर्मियों को एक पैसा नहीं मिला है, जिसके चलते भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. आइजी ने आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया. दैनिक वेतन भोगियों में रामानुज ठाकुर, कार्तिक पांडे, विक्की मेहतर, पंकज मेहतर व मंटू मेहतर थे. कर्मियों ने आइजी से अपने नियमितिकरण की मांग की.