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चरित्र बल किसी को राम तो किसी को रावण बनाता है
चितरा : परमात्मा से अगर कुछ मांगना है तो उनकी भक्ति मांगनी चाहिए. यह बातें प्रेम मूर्ति प्रेम भूषण जी महाराज ने रविवार की रात प्रवचन के दौरान कही. साथ ही उन्होंने कहा कि संस्कार सत्संग से आता है. संस्कार उसी को मिल सकता है जिसमें संस्कार धारण करने की क्षमता होती है. उन्होंने व्यावहारिक […]
चितरा : परमात्मा से अगर कुछ मांगना है तो उनकी भक्ति मांगनी चाहिए. यह बातें प्रेम मूर्ति प्रेम भूषण जी महाराज ने रविवार की रात प्रवचन के दौरान कही. साथ ही उन्होंने कहा कि संस्कार सत्संग से आता है. संस्कार उसी को मिल सकता है जिसमें संस्कार धारण करने की क्षमता होती है. उन्होंने व्यावहारिक जीवन के बारे में कहा कि चारित्रिक बल जीवन का अनिवार्य अंग है.
चरित्र बल किसी को भी मर्यादा पुरुषोत्तम राम बना देता है, तो किसी को अहंकारी रावण. इसलिए मानव को अपनाे चरित्र को बनाये रखना चाहिए. साथ ही कथा के दौरान उन्होंने भगवान राम के द्वारा शिव धनुष तोड़ने की घटना का विस्तार से वर्णन किया. इस दौरान उन्होंने जगत के दाता करुणानिधान ,सरयू तीरे खेले रघुनंदन बबुआ, भिखारी सारी दुनिया दाता एक राम समेत अन्य भजन की प्रस्तुति से सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया. इस मौके पर पूर्व स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता, सत्यनारायण राय, राजेश राय, अरुण पांडेय समेत हजारों श्रद्धालु उपस्थित थे.
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