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बगैर अनुमति के अभियंता की गाड़ी ले गये थे जिप अध्यक्ष के पति

मंत्री रणधीर सिंह के बहनोई हैं जिप अध्यक्ष के पति डीडीसी ने नहीं दिया था कोई लिखित आदेश जिला परिषद के गैरेज से निकाली गयी थी गाड़ी जिला अभियंता को सूचना तक नहीं देवघर : 30 जनवरी को सारठ में जो सरकारी बोलेरो दुर्घटनाग्रस्त हुई थी, वह देवघर जिला परिषद के जिला अभियंता की सरकारी […]

मंत्री रणधीर सिंह के बहनोई हैं जिप अध्यक्ष के पति

डीडीसी ने नहीं दिया था कोई लिखित आदेश
जिला परिषद के गैरेज से निकाली गयी थी गाड़ी
जिला अभियंता को सूचना तक नहीं
देवघर : 30 जनवरी को सारठ में जो सरकारी बोलेरो दुर्घटनाग्रस्त हुई थी, वह देवघर जिला परिषद के जिला अभियंता की सरकारी गाड़ी (जेएच 15जी-2881) है. दुर्घटना के बाद इसका खुलासा हुआ है. दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी पर जिप अध्यक्ष के पति व कृषि मंत्री रणधीर सिंह के बहनोई अशोक राय लेकर जा रहे थे. इसमें जिप अध्यक्ष रीता देवी सवार नहीं थी.
इस घटना में अशोक राय घायल भी हुए थे. डीडीसी के बगैर कोई लिखित आदेश के यह सरकारी गाड़ी जिला परिषद कार्यालय के गैरेज से निकाली गयी थी व उसका उपयोग निजी व्यक्ति द्वारा किया जा रहा था. इस दुर्घटना में वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त भी हुई है. सरकारी गाड़ी को गैराज से निकालकर ले जाने की सूचना जिला अभियंता को भी नहीं है. इस पूरे मामले का खुलासा होने के बाद अब इसकी जांच की तैयारी चल रही है.
मरम्मत में गयी थी जिप अध्यक्ष की गाड़ी : जिला परिषद कार्यालय को पिछले दिनों यह सूचना दी गयी थी कि जिप अध्यक्ष रीता देवी की सरकारी गाड़ी खराब हो गयी है. सरकारी गाड़ी की मरम्मत के लिए गैरेज भेजी गयी है. अब सवाल उठने लगा है कि जिप अध्यक्ष को उनके खराब पड़े सरकारी गाड़ी के बदले अगर जिला अभियंता की गाड़ी दी गयी है, तो उस गाड़ी का उनके पति कैसे प्रयोग कर रहे थे.
पहले भी सरकारी ड्राइवर ने छोड़ दिया था काम
जिप अध्यक्ष के पति अशोक राय पर पहले भी सरकारी संसाधन का उपयोग का आरोप लगा है. 2016 में जिप अध्यक्ष के सरकारी ड्राइवर ने डीडीसी को लिखित रुप से दिये शिकायत पत्र में कहा था ंकि जिप अध्यक्ष के पति उनसे घर का निजी कार्य करवाते हैं. घर में झाड़ू तक लगाने का दबाव डालते हैं. देर रात तक खुद पार्टी में रहते हैं, इस दौरान उनसे निजी कार्य करवाया जाता है. इन आरोपों को लगाते हुए ड्राइवर ने डीडीसी से आग्रह करते हुए जिप अध्यक्ष का ड्राइवर रहने से इनकार कर दिया था. इस वजह से तत्कालीन डीडीसी मीणा ठाकुर ने भी उस ड्राइवर को वापस बुला लिया था.
उठे कई सवाल
बगैर अनुमति के कैसे गैरेज से निकली सरकारी गाड़ी
अगर अपराध में गाड़ी का प्रयोग हो जाता कौन फंसता
क्या गाड़ियों की सुरक्षा पर नहीं है कोई नियंत्रण
किस अधिकारी की शह पर जिप अध्यक्ष के पति ने किया गाड़ी
का प्रयोग
इस तरह से बेकार गाड़ी के प्रयोग से वाहन की क्षमता पर असर नहीं पड़ेगा
क्या जिला परिषद में इन दिनों ऐसे ही चलती है मनमानी
क्या अक्सर जिप अध्यक्ष के पति सरकारी गाड़ी या अन्य सरकारी संसाधन का भी करते हैं ऐसा उपयोग
इस मनमानी पर चुप्पी साधने वाले अधिकारी पर क्या कोई कार्रवाई होगी
जिला अभियंता की गाड़ी का प्रयोग जिप अध्यक्ष के पति कैसे कर रहे थे, इसकी सूचना मुझे नहीं है. मैंने कोई लिखित आदेश भी नहीं दिया है. अगर जिप अध्यक्ष को बदले में भी सरकारी गाड़ी दी भी जाती है, तो इस गाड़ी का उपयोग निजी व्यक्ति नहीं कर सकते हैं. दुर्घटना की सूचना मुझे मिली है, इसकी रिपोर्ट जिला अभियंता से ली जायेगी.
– जन्मेजय ठाकुर, डीडीसी सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, देवघर
जिला परिषद के वाहन के प्रशासक डीडीसी हैं. जिप अध्यक्ष के पति के पास मेरी गाड़ी गैरेज से निकलकर कैसे पहुंची, इसकी मुझे कोई सूचना नहीं है. मेरे पास आरइओ की गाड़ी है, उसका प्रयोग काम के दौरान करते हैं.
– विजय कुमार सर्राफ, जिला अभियंता, देवघर
लगातार प्रयास के बाद भी नहीं हुआ संपर्क
इस पूरे मामले में जिप अध्यक्ष रीता देवी व उनके पति अशोक राय से पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल नंबर 9939975555 व 8294014700 पर रात नौ बजे से 10 बजे तक संपर्क किया गया, लेकिन दोनों नंबर पर संपर्क नहीं हो सका.

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