सजा. पारा शिक्षक अपहरणकांड में सात साल के बाद आया फैसला
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अपहरण के छह दोषियों को उम्रकैद
सजा. पारा शिक्षक अपहरणकांड में सात साल के बाद आया फैसला सेशन जज दो कृष्ण कुमार की अदालत ने सुनायी सजा प्रत्येक दोषियों को 10-10 हजार रुपये का लगाया जुर्माना देवघर : पारा शिक्षक देवनाथ यादव अपहरण कांड में सात साल के बाद फैसला आया. इस कांड के छह दोषियों भुवनेश्वर यादव, बालेश्वर यादव, बैकुंठ […]
सेशन जज दो कृष्ण कुमार की अदालत ने सुनायी सजा
प्रत्येक दोषियों को 10-10 हजार रुपये का लगाया जुर्माना
देवघर : पारा शिक्षक देवनाथ यादव अपहरण कांड में सात साल के बाद फैसला आया. इस कांड के छह दोषियों भुवनेश्वर यादव, बालेश्वर यादव, बैकुंठ यादव, लीलो यादव उर्फ नीलकंठ यादव, भरत यादव व गोवर्द्धन यादव को सश्रम उम्रकैद की सजा सुनायी गयी. साथ ही प्रत्येक को 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. जुर्माना की राशि अगर भुगतान नहीं करते हैं, तो छह माह अलग से कैद की सजा काटनी होगी. सेशन जज दो कृष्ण कुमार की अदालत ने यह फैसला सुनाया. कोर्ट ने अपहृत देवनाथ यादव की नाबालिग पुत्री को विक्टिम कंपंसेशन के तहत 50 हजार रुपये देने का आदेश दिया जो सरकारी कोष से दी जायेगी.
यह राशि डालसा के माध्यम से सूचक सावित्री देवी की नााबलिग बेटी को मिलेगी. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से आठ गवाह प्रस्तुत किया व दोष सिद्ध करने में पूर्णत: सफल रहे. इस मुकदमा में अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक ब्रह्मदेव पांडेय व बचाव पक्ष से वरीय अधिवक्ता प्रीतम आनंद ने पक्ष रखा. कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपहरण की धारा में दोषी पाकर उक्त फैसला भरी अदालत में सुनाया.
सात आरोपितों पर दाखिल हुआ था चार्जशीट: इस कांड में कुल सात लोगों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल हुआ था. दोषी पाये गये आरोपितों के अलावा एक अन्य आरोपित पंचानन यादव का भी ट्रायल साथ ही चल रहा था. वह भी पारा शिक्षक है. ट्रायल के दौरान पंचानन यादव लंबे समय तक हाजिर नहीं हुआ जिसके चलते उनका रिकॉर्ड अलग कर दिया गया है. ट्रायल छह आरोपितों का हुआ जिन्हें सजा मिली.
जिन्हें मिली सजा
1. भुवनेश्वर यादव, धनपहरी
2. बालेश्वर यादव, धनपहरी
3. बैकुंठ यादव, चपरिया
4. लीलो उर्फ नीलकंठ यादव, चपरिया
5. भरत यादव, चपरिया
6. गोवर्द्धन यादव, चपरिया
जसीडीह के धनपहरी उमवि में थे कार्यरत
देवनाथ यादव जसीडीह थाना के धनपहरी गांव के रहनेवाले थे तथा गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में पदस्थापित थे. घटना के दिन स्कूल के लिए मध्याह्न भोजन का चावल लेकर लौटे थे तथा अपने घर धनपहरी जा रहे थे. रास्ते में जंगल व झाड़ी थी, जहां पर उनका अपहरण कर लिया गया. यह घटना 24 जनवरी 2011 को दोंगी के पास घटी थी. रात को जब पारा शिक्षक घर नहीं आये तो खोजबीन आरंभ की गयी, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. अपहृत की पत्नी सावित्री देवी ने इस घटना को लेकर जसीडीह थाना में कांड संख्या 19/2011 दर्ज कराया, जिसमें अपहरण की धारा 364 लगायी गयी थी. अनुसंधान के क्रम में अपहृत देवनाथ यादव काे पुलिस नहीं खोज पायी. चार्जशीट दाखिल करने के बाद केस का ट्रायल आरंभ हुआ, जिसमें उक्त सजा सुनायी गयी. जमीन को लेकर विवाद हुआ था, जिसमें पहले धमकी दी गयी थी कि सावित्री के पति का अपहरण कर लेंगे व हत्या कर देंगे. इसी धमकी के संदर्भ में सात आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ था.
सात वर्ष में भी नहीं खोज पायी पुलिस
पारा शिक्षक देवनाथ यादव के अपहरण हुए सात साल बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस इनकी सुराग नहीं लगा पायी. यहां तक की न तो शव मिला और न कंकाल ही मिला है. अपहृत की पत्नी ने दर्ज एफआइआर में आशंका जतायी थी कि उनके पति का अपहरण कर शायद हत्या कर दी गयी होगी. मामले में देवनाथ की बेटी जो नाबालिग है, ने कोर्ट में गवाही दी थी कि उनके पिताजी को आरोपित वाहन में बैठाकर ले गये हैं.
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