डीसीओ के निर्देश पर सहायक निबंधक रुमा झा ने 16 नवंबर को तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनायी है. जांच कमेटी को एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देनी है. जांच टीम सोसाइटी का रजिस्ट्रेशन, खाता-बही व लेखा-जोखा, आरबीआइ से अनुमति समेत किन मापदंडों के तहत निवेशकों की राशि जमा ली गयी है, उन सभी दस्तावेजों की जांच करेगी. लेखा-जोखा संबंधित जांच के लिए एक ऑडिटर अभिजीत सिंह को भी टीम में शामिल किया गया है.
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देवघर में को-ऑपरेटिव सोसाइटी ने किया 2.81 करोड़ का गबन, जांच शुरू
देवघर: भागलपुर के सृजन घोटाले की तर्ज पर देवघर में भी को-ऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा करोड़ों रुपये गबन करने का मामला सामने आया है. देवघर कोर्ट रोड स्थित आरती भवन में संचालित सेंट्रल बैंक स्टाफ बचत व साख स्वावलंबी लिमिटेड के नाम से संचालित को-ऑपरेटिव सोसाइटी के सचिव पर निवेशकों का 2.81 करोड़ गबन करने का […]
देवघर: भागलपुर के सृजन घोटाले की तर्ज पर देवघर में भी को-ऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा करोड़ों रुपये गबन करने का मामला सामने आया है. देवघर कोर्ट रोड स्थित आरती भवन में संचालित सेंट्रल बैंक स्टाफ बचत व साख स्वावलंबी लिमिटेड के नाम से संचालित को-ऑपरेटिव सोसाइटी के सचिव पर निवेशकों का 2.81 करोड़ गबन करने का आरोप लगा है. इस आरोप पर सहकारिता विभाग सहयोग समितियां के निबंधक विजय कुमार सिंह ने देवघर डीसीओ सुशील कुमार को जांच करने का निर्देश दिया था.
सोसाइटी के एक कर्मी ने ही लगाया आरोप
सेंट्रल बैंक स्टाफ बचत व साख स्वावलंबी लिमिटेड के कर्मी जयमाधव चक्रवर्ती ने सहयोग समितियां के निबंधक को पत्र लिखकर अारोप लगाया था कि सेंट्रल बैंक स्टाफ बचत व साख स्वावलंबी लिमिटेड के सचिव नलिन विलोचन उर्फ अरुण कुमार सिंह व अन्य कर्मी ने देवघर शाखा में निवेशकों का कुल 2.81 करोड़ रुपये बेइमानी की नियत से गबन कर लिया है. मेच्युरिटी पूर्ण होने के बाद निवेशक अपनी राशि श्री चक्रवर्ती से मांग रहे हैं. पिछले दिनों श्री चक्रवर्ती ने कोर्ट में मुकदमा भी दायर किया था, कोर्ट के निर्देश पर नगर थाने में सचिव नलिन विलोचन समेत कई कर्मियों पर प्राथमिकी भी दर्ज की गयी है. अब पूरे मामले की विभागीय जांच शुरू हुई है.
सेंट्रल बैंक स्टाफ बचत व साख स्वावलंबी लिमिटेड के नाम से संचालित को-ऑपरेटिव सोसाइटी पर 2.81 करोड़ रुपये निवेशकों के गबन करने का आरोप है. विभागीय जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनायी गयी है. किस प्रावधान के तहत निवेशकों से पैसे जमा लिये गये व इसकी अनुमति कैसे मिली, इन सभी बिंदुओं की जांच शुरू की गयी है.
– सुशील कुमार, डीसीओ, देवघर
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