इसके लिए यदि लोगों को जागरूक कर सामूहिक प्रयास किया जाय तो 15 नवंबर 2017 तक सारवां को पूर्ण रूप से बाह्य शौच मुक्त करने के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. वहीं डीसी ने स्वच्छता के लिए सारवां प्रखंड के सभी पंचायतों के मुखिया के साथ बैठक कर जन सामान्य को जागरूक करने के साथ 15 नवंबर तक सारवां प्रखंड को पूर्ण रूप से बाह्य शौच मुक्त करना है.
उन्होंने पंचायतवार कार्य योजना तैयार कर स्लीप बैक व एसबीएम के अंतर्गत 8,500 शौचालयों का निर्माण कराना है. इसके लिए मुखियागण प्रतिदिन ग्राम स्तर पर कार्य योजना बनाकर कार्य करें. तभी शौचालय का निर्माण हो सकता है. इसके अलावा देवघर जिला को मार्च 2018 तक बाह्य शौचमुक्त करने का लक्ष्य है. इससे पूर्व देवीपुर, मारगोमुंडा व सोनारायठाढ़ी पहले से बाह्य शौचमुक्त घोषित हो चुका है. डीसी ने कहा कि सारवां प्रखंड में महत्वकांक्षी योजनाओं के सुचारु रूप से क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षु आइएएस कर्ण सत्यार्थी को वरीय पदाधिकारी के रूप में नामित किया गया है. जबकि पीएचइडी इई राजेश रंजन, जिला समन्वयक सुजीत त्रिवेदी, विजय कुमार, आदर्श मानव निर्माण संस्था के कार्यकर्ता व मुखियागण मौजूद थे.