देवघर: डढ़वा नदी पर निर्मित दरूआ वीयर (बांध) से करीब 30 वर्षों बाद नहर में पानी छोड़ा गया है. इससे किसान गदगद हैं. नहर से खेतों तक पानी पहुंचने के बाद सिंचाई की समस्या दूर हो गयी है. पानी आते ही किसानों चेहरे खिल उठे हैं. किसान अब नहर से सिंचाई कर सालों भर खेती कर पायेंगे. बताते चलें कि 1966 में दरूआ वीयर का शिलान्यास किया गया था.
उसके बाद से इस योजना का काम पूरा नहीं हुआ था. समय-समय पर काम होता व फिर बंद हो जाता था. अधूरी योजना को 1987 में ट्रायल कर चालू किया गया, लेकिन फिर से बंद हो गयी. 30 वर्षों तक योजना पूरी तरह बंद रही. 2014 में गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने मृत पड़े दरूआ वीयर की सुधि ली व करीब 1.25 करोड़ से दरुआ वीयर जीर्णोद्धार का शिलान्यास किया. जल संसाधन विभाग द्वारा जीर्ण-शीर्ण अवस्था में 14 किलोमीटर लंबी नहर की खुदाई की गयी. वीयर में सिविल वर्क कर मरम्मत कार्य किया गया. इसका काम पूरा होने के बाद अब नहर में पानी छोड़ कर योजना को चालू कर दिया गया. पहली बार नहर में पानी आने से किसान काफी उत्साहित हैं.
250 हेक्टेयर भूमि को मिलेगा पानी
दरुआ वीयर से 250 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के लिए पानी देने का लक्ष्य रखा गया है. 14 किलोमीटर लंबी नहर से किसानों को खरीफ व रबी दोनों मौसम में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा. इस इलाके में सिंचाई के लिए पहले कोई ठोस व्यवस्था नहीं थी, किसानों को बरसात के पानी पर ही निर्भर रहना पड़ता था. अब दरुआ वीयर में बरसात का पानी को संचय किया गया है. यह किसानों के लिए फायदेमंद होगा.
इन गांवों के खेतों को मिलेगा पानी
देवघर प्रखंड के तिलैया, बंधा केंदुआ, बेहरोखी, केनमनकाठी, सरसा, बसमनडीह, भलसुंघिया, भोलाडीह, गनजोरा, ओरपा, बदिया, मचनाटिल्हा, खंड़हरा, घाघी, जेठुटांड़, पाठकबदिया, दर्दमारा व बाघमारा.
क्या कहते हैं किसान
दरुआ वीयर चालू होने से अब सालों भर खेती होगी. सिंचाई पर्याप्त होने से उपज भी बढ़ेगा. वर्षों पुरानी मांग अब पूरी हुई है, किसानों के लिए यह योजना काफी लाभदायक होगा.
– अयूब अंसारी, गनजोरा
वर्षों से लंबित दरुआ वीयर चालू होने से मेरे खेतों तक नहर का पानी पहुंच रहा है. यह योजना अगर पहले चालू हो जाती तो किसानों की स्थिति और बदल जाती. देर से ही सही इसका फायदा किसानों को होगा.
– दिनेश कुमार, भलसुंघिया
नहर का पानी अब खेतों तक पहुंचने से सिंचाई बेतहर हो रही है. अब खरीफ व रबी दोनों फसलों की खेती करेंगे. पहले केवल धान की ही खेती कर पाते थे. रबी फसल की सिंचाई में परेशानी होती थी.
– कांग्रेस तूरी, बेहरोखी
लंबे समय के बाद सिंचाई के प्रति सरकार ने गंभीरता दिखायी है. हमलोगों ने कभी सोचा भी नहीं था कि नहर से हमारे खेतों तक पानी आयेगा. पानी मिलने से खेती की संभावना बढ़ गयी है. किसान सालों भर खेती कर पायेंगे.
– सागर चौधरी, जेठुटांड़