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लोकल के भरोसे बैद्यनाथधाम स्टेशन का 95 साल का सफर
देवघर : कभी यात्रियों से गुलजार रहने वाला बैद्यनाथधाम स्टेशन आज वीरानी के कारण उदास सा दिख रहा है. एक दौर था जब यहां से लंबी दूरी के लिए ट्रेन चला करती थीं, अब हालात पूरी तरह बदल गये हैं. बैद्यानाथधाम स्टेशन से केवल लोकल ट्रेनें ही चल रही हैं. रेलवे मुख्यालय ने वर्ष 1922 […]
देवघर : कभी यात्रियों से गुलजार रहने वाला बैद्यनाथधाम स्टेशन आज वीरानी के कारण उदास सा दिख रहा है. एक दौर था जब यहां से लंबी दूरी के लिए ट्रेन चला करती थीं, अब हालात पूरी तरह बदल गये हैं. बैद्यानाथधाम स्टेशन से केवल लोकल ट्रेनें ही चल रही हैं. रेलवे मुख्यालय ने वर्ष 1922 में इस स्टेशन की स्थापना की थी. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान स्वतंत्रता सेनानी व आजाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद समेत देश के कई महान विभूति के पांव इस स्टेशन पर पड़े हैं. आजादी के बाद स्टेशन से होकर लंबी दूरी के लिए कई ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ था, लेकिन ऐतिहासिक स्टेशन को रेलवे बोर्ड ने अनदेखा करना शुरू कर दिया.
लंबी दूरी की ट्रेनों का परिचालन बंद: आर्थिक घाटा व यात्रियों की कम होती संख्या का हवाला देकर रेलवे बोर्ड ने एक-एक कर लंबी दूरी के लिए चलने वाली कई ट्रेनों का परिचालन बैद्यनाथधाम स्टेशन से बंद कर दिया. कई प्रमुख ट्रेन अन्यत्र स्थानांतरित कर दिये गये. फिलहाल स्टेशन से होकर 5-6 इएमयू (लोकल) ट्रेनों का ही परिचालन होता है.
10 जोड़ी इएमयू ट्रेनें ही चला करती है : एक्सप्रेस ट्रेनों के परिचालन बंद होने के बाद बैद्यनाथधाम स्टेशन से महज 10 जोड़ी इएमयू ट्रेनों का परिचालन होता है. इनमे से एक बैद्यनाथधाम से बर्धमान, बैद्यनाथधाम से किऊल, बैद्यनाथधाम से आसनसोल के अलावा बैद्यनाथधाम-जसीडीह के बीच ट्रेनों का फेरा चलता है.
बंद हो गया दो नंबर प्लेटफॉर्म व गुड्स शेड : ट्रेंनों की कम आवाजाही व परिचालन घटने के कारण दो नंबर प्लेटफाॅर्म व गुड्स शेड का उपयोग बंद हो गया. शाम ढलने के बाद स्टेशन का एक हिस्सा अंधेरे में डूब जाता है. श्रावणी मेला की तरह यदि बैद्यनाथधाम से कोलकाता व पटना के लिए ट्रेनें चलायी जाय, तो रेलवे का रोजगार बढ़ सकता है.
कई एक्सप्रेस ट्रेनों का होता था परिचालन
काशी से बैद्यनाथधाम के श्रद्धालुअों को जोड़ने के लिए काशी-मड़ुआडीह एक्सप्रेस, बैद्यनाथधाम-गया एक्सप्रेस, बैद्यनाथधाम-पुरी एक्सप्रेस, बैद्यनाथधाम-अंडाल एक्सप्रेस व रांची-इंटरसिटी एक्सप्रेस आदि का परिचालन होता था. जिसमें यात्री टिकट व माल की भी बुकिंग अच्छी-खासी होती थी. धीरे-धीरे लंबी दूरी की ट्रेनों का परिचालन बंद होने से स्टेशन परिसर में चलने वाला कैंटीन बंद हो गया. खोमचे वाले व चाय बेचने वाले भी पेट की खातिर दूसरी अोर रुख कर गये.
कहते हैं स्टेशन मास्टर
बैद्यनाथधाम स्टेशन आने से पहले पता चला था कि यहां से होकर कई एक्सप्रेस ट्रेनें चलती थी. फिलहाल 10 जोड़ी लोकल ट्रेनों का परिचालन होता है. यदि लंबी दूरी की ट्रेनों का परिचालन हो तो स्थिति में सुधार संभव है.
टीएन पंडित, एसएम, बैद्यनाथधाम स्टेशन
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