2015 में बारिश नहीं होने से फसलें नष्ट हो गयी थी व जिला परिषद द्वारा भेजे गये प्रस्ताव के बाद राज्य सरकार ने देवघर जिले को सुखाड़ घोषित किया था. जिले भर में 54 हजार किसानों ने 32,943 एकड़ भूमि में धान की फसलों का यह बीमा कराया था. कुल 1.40 करोड़ रुपये के प्रीमियम राशि के एवज में बीमित राशि का रकम 56 करोड़ रुपया है.
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किसान तबाह. देवघर के 54 हजार किसानों के 1.40 करोड़ रुपये फंसे, फसल बीमा करा कर फंस गये किसान, पूंजी भी वापस नहीं लौटी
देवघर: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 2017 में जिले के 49 हजार किसानों से फसल बीमा सहकारिता विभाग द्वारा कराया गया है, लेकिन 2015 में जिन किसानों ने फसल बीमा कराया है, अब तक उन्हें बीमित राशि नहीं मिल पायी है. 2015 में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के तहत देवघर जिले में 54 हजार […]
देवघर: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 2017 में जिले के 49 हजार किसानों से फसल बीमा सहकारिता विभाग द्वारा कराया गया है, लेकिन 2015 में जिन किसानों ने फसल बीमा कराया है, अब तक उन्हें बीमित राशि नहीं मिल पायी है. 2015 में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के तहत देवघर जिले में 54 हजार किसानों ने धान के फसलों का बीमा कराया, इन किसानों ने 1.40 करोड़ रुपये को-ऑपरेटिव बैंक के जरिये बीमा कंपनी को प्रीमियम की राशि जमा की.
सुखाड़ घोषणा के आधार पर जमा प्रीमियम राशि के अनुसार 56 करोड़ रूपये सरकार द्वारा भुगतान किसानों को भुगतान का दावा बनता है. लेकिन बीमित राशि तो दूर प्रीमियम राशि के तौर पर किसानों की पूंजी भी सरकारी बैंक में फंस गयी है. जिला सहकारिता विभाग के अनुसार 2015 के फसल बीमा का बीमित राशि केवल दो प्रखंडों का आया है. इसमें सोनारायठाढ़ी प्रखंड में 1.16 करोड़ व मारगोमुंडा प्रखंड में 17 लाख रूपये कार्यालय में प्राप्त हुआ है. हालांकि यह राशि अभी तक किसानों के खाते में नहीं पहुंची है. विभागीय प्रक्रिया में ही राशिफ फंसी हुई है, शेष आठ प्रखंड का बकाया राशि अब तक नहीं आया है.
कर्ज लेकर इस वर्ष करनी पड़ रही है खेती
बीमा राशि का भुगतान पाने के किसानों द्वारा पैक्स से लेकर को-आॅपरेटिव बैंक व सहकारिता विभाग के कार्यालय का चक्कर लगाया जा रहा है. भुगतान नहीं होने की स्थिति में किसानों को इस वर्ष खरीफ फसल की खेती कर्ज लेकर करना पड़ रहा है. वर्तमान में किसानों के समक्ष खाद की खरीदारी के लिए पूंजी का अभाव पड़ गया है. लगातार किसानों द्वारा मांग उठाया जा रहा है कि अगर अभी भुगगतान कर दिया जाये तो खाद के लिए कर्ज नहीं लेना पड़ेगा.
2015 के फसल बीमा की बीमित राशि अभी तक केवल सोनारायठाढ़ी व मारगोमुंडा प्रखंड का प्राप्त हुआ है. किसानों के बैंक खाते में तीन दिनों के अंदर भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. शेष आठ प्रखंडों का बकाया बीमित का भुगतान करने के लिए संबंधित सीओ से जांच रिपोर्ट तत्कलीन उपायुक्त के स्तर से काफी पहले मांगी गयी है, चूंकि फसल भूमि से अधिक बीमा करा दिये जाने की शिकायत आयी थी. प्रखंडों से अभी तक जांच रिपोर्ट सीओ द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया है. जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद विभाग को आकलन भेजा जायेगा व उसके बाद बीमित राशि का आवंटन प्राप्त होने की संभावना है.
– सुशील कुमार, डीसीओ, देवघर
कहां कितनी राशि फंसी
प्रखंड किसान प्रीमियम राशि
देवघर 4058 9,10,581
देवीपुर 5298 12,69,696
सारवां 15,854 39,7000
सोनारायठाढ़ी 5549 13,31000
मोहनपुर 2731 7,33,000
सारठ 11,646 39,3000
मधुपुर 1405 3,11000
करौं 2212 5,37000
मारगोमुंडा 2515 4,46,455
पालोजोरी 2751 7,19,555
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