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1.60 लाख वाहन रजिस्टर्ड, पार्किंग बड़ी समस्या

विडंबना. शहर में बढ़ता जा रहा है वाहनों का बोझ, ट्रैफिक जाम से बढ़ी शहरवासियों की परेशानी देवघर : शहर में दिनों-दिन वाहनों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. परिवहन विभाग से प्राप्त आंकड़ों की मानें तो राज्य बंटवारे के बाद शहर में वाहनों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है. झारखंड राज्य गठन […]

विडंबना. शहर में बढ़ता जा रहा है वाहनों का बोझ, ट्रैफिक जाम से बढ़ी शहरवासियों की परेशानी

देवघर : शहर में दिनों-दिन वाहनों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. परिवहन विभाग से प्राप्त आंकड़ों की मानें तो राज्य बंटवारे के बाद शहर में वाहनों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है. झारखंड राज्य गठन के पांच वर्ष पश्चात यानि वर्ष 2005 में देवघर जिला परिवहन कार्यालय पूर्णरुपेण कंप्यूटराइज्ड हुआ. इसके बाद वाहनों की संख्या में प्रत्येक वर्ष तकरीबन 10 हजार की बढ़ोतरी होती चली गयी. फिलवक्त जिला परिवहन कार्यालय से 1.60 लाख से अधिक वाहन रजिस्टर्ड हैं, उसमें 30 फीसदी से ज्यादा वाहन देवघर शहरी क्षेत्र में परिचालित होते हैं. जबकि सड़कों की लंबाई व चौड़ाई 15 साल पहले की तरह ही है.
इधर, वाहनों के लिए शहर में पार्किंग की समुचित व्यवस्था न होने की वजह से रोजाना ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है. इसके कारण शहरवासियों को आवागमन में कई तरह की समस्याअों का सामना करना पड़ रहा है. ट्रैफिक समस्या के निदान के लिए जिला प्रशासन की अोर से समय-समय पर प्लानिंग बनती रही. मगर आज तक शहर में पार्किंग की ठोस व्यवस्था नहीं हो सकी है. नतीजा शहरी क्षेत्र में हर दिन ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती है. श्रावणी मेला के दौरान तो यह समस्या भयावह रूप ले लेती है. जब प्राइवेट बस स्टैंड से लेकर मंदिर मोड़ तक सड़कों पर वाहनों की पार्किंग शुरू हो जाने से अवैध स्टैंड का रूप ले लेता है. शहरवासी इस जाम में परेशान होते रहते हैं.
पार्किंग के बिना मार्केट कॉम्प्लेक्स का कैसे होता है नक्शा पास, निगम सवालों के घेरे में
आंकड़ा
वर्ष वाहनों की संख्या
2005 10,022
2006 10,212
2007 10,034
2008 10,003
2009 10,000
2010 10,144
2011 10,076
2016 10,105
2017 (अब तक) – 7,156 का रजिस्ट्रेशन हो चुका है.
निजी मकानों का कमर्शियल उपयोग के लिए वसूले जा रहे हैं ज्यादा किराये
नक्शा के बगैर नहीं हो भवन का निर्माण
प्रोपर गाइडलाइन को फॉलो नहीं करता निगम
डीलर प्वाइंट पर रजिस्ट्रेशन शुरू होने से सड़क पर बढ़ी वाहनों की संख्या
लोगों से वार्ता
निजी मकानों से अधिक किराया वसूलने के लिए गृह स्वामी कोचिंग संस्थान या बैंक शाखा खोलने के लिए अपना मकान किराये पर लगा देते हैं. जबकि इन संस्थानों के सामने वाहनों को पार्क किये जाने से गली-मुहल्लों में जाम की स्थिति बन जाती है.
– सत्यप्रकाश
बड़े भवन या कमर्शियल उपयोग के लिए बनाये जा रहे भवन के पास पार्किंग की व्यवस्था आवश्यक रूप से हो. ऐसा नहीं होने पर नगर निगम नक्शा ही पास न करे.
-विनोद सिंघानिया
शहर में चलने वाले अधिकांश बैंक व कमर्शियल सेंटर के पास वाहन पार्किंग की सुविधा नहीं है. जबकि इन संस्थानों के बाहर काफी संख्या में वाहन खड़े रहते हैं. इसके कारण आवागमन में भारी परेशानी होती है.
-अजय कुमार सिंह
देवघर-जसीडीह मुख्य मार्ग पर आधा दर्जन से अधिक बैंक की शाखा व एक दर्जन से अधिक कमर्शियल केंद्र संचालित है. मगर उनमें से 90 फीसदी संस्थाअों के पास पार्किंग की सुविधा नहीं है.
– निलेश गुप्ता

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