कॉलेज परिसर में लंबी-लंबी झाड़ियां व घास उग आये हैं.बताते चलें कि पांच अक्टूबर 2016 को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कॉलेज का उदघाटन किया था. लेकिन उदघाटन के दस माह के बाद भी कॉलेज में संसाधनो की कमी है. कॉलेज में ड्राइंग, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, वेल्डर, फीटर आदि की पढ़ाई के लिए 118 छात्र अध्ययनरत हैं. जबकि 158 सीटें कॉलेज में है. वहीं नये सत्र की पढ़ाई अब तक चालू नहीं हो पायी है.
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बदहाली: प्रैक्टिकल के लिये नहीं हैं उपकरण, अस्थायी शिक्षकों के सहारे मधुपुर आइटीआइ कॉलेज
मधुपुर: मारगोमुंडा प्रखंड के चेतनारी स्थित मधुपुर आइटीआइ कॉलेज में संसाधनो की कमी से छात्र जूझ रहे हैं. रख- रखाव व सफाई की कमी साफ झलकती है. स्वच्छता अभियान का कोई असर कॉलेज में नहीं दिखता है. कॉलेज परिसर में लंबी-लंबी झाड़ियां व घास उग आये हैं.बताते चलें कि पांच अक्टूबर 2016 को मुख्यमंत्री रघुवर […]
मधुपुर: मारगोमुंडा प्रखंड के चेतनारी स्थित मधुपुर आइटीआइ कॉलेज में संसाधनो की कमी से छात्र जूझ रहे हैं. रख- रखाव व सफाई की कमी साफ झलकती है. स्वच्छता अभियान का कोई असर कॉलेज में नहीं दिखता है.
कॉलेज में नहीं है शिक्षकों के स्वीकृत पद
कॉलेज में शिक्षक का एक भी पद स्वीकृत नहीं है. वर्तमान में छह शिक्षक पदस्थापना पर हैं. ये सभी शिक्षक देवघर से आकर पढाते हैं. कॉलेज में अब तक प्रैक्टिकल के लिए टूल्स व उपकरण नहीं हैं. जिस कारण छात्र प्रैक्टिकल नहीं कर पाते हैं. ऐसे में परीक्षा में सफलता कैसे हासिल कर पायेंगे. बताया कि बेंच-डेस्क की कमी भी कॉलेज में है. कहा कि छात्रावास नहीं होने के कारण दूर-दराज से आये छात्रों को आने-जाने में खर्च के साथ-साथ परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आइटीआइ कॉलेज में जाने के लिए अब तक पक्की सड़क नहीं बनी है. जिस कारण छात्रों को मुख्य सड़क से पांच किलोमीटर पैदल चलकर कॉलेज पहुंचना पड़ता है.
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