देवघर: नगर कल्याण के लिए पंडा धर्मरक्षिणी सभा की ओर से नगर गंवाली पूजा रविवार से शुरू होगी. इस अवसर पर पूरा शहर तीन दिनों तक बंधेगा. 25 को पूजा के समापन के साथ शहर खुलेगा. पूजा के दौरान मां को तीन दिनों तक शरबत चढ़ाया जायेगा.
कुलदेवी दरबार में तीन दिनों तक भजन व लोकगीत की प्रस्तुति की जायेगी. वहीं सोमवार को मां की आरती दिखा कर निमंत्रण दिया जायेगा. शाम में बाबा मंदिर से शोभायात्र निकाली जायेगी. यह बाबा मंदिर परिसर से निकल कर मां शीतला मंदिर जायेगी. वहां माता की विशेष पूजा की जायेगी.
जबकि 25 को बाबा की षोडषोपचार विधि से पूजा-अर्चना, श्मशान भैरव, करनीबाद हरदौल बाबा, पार्थिव शिवलिंग पूजा, रुद्राभिषेक, दुर्गाशप्तसती पाठ, मां अन्नपूर्णा की पूजा होगी. इसके बाद शाम सात बजे मां गंवाली की विधिवत पूजा की जायेगी. देर रात्रि नगर कुंवारी-बटूक भोजन का आयोजन किया जायेगा. इसे लेकर मंदिर प्रबंधन बोर्ड की ओर से संस्कार मंडप से बेरिकेटिंग हटाया जा रहा है. पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री कार्तिकनाथ ठाकुर ने शहरवासियों से अपील की है कि सभी भक्त तीन दिनों तक अपने-अपने घरों में धूप-धुमना जलावें. ताकि शहर का वातावरण पवित्र दिखने लगे. पूजा को सफल बनाने में अध्यक्ष प्रो डा सुरेश भारद्वाज, नितायचांद अंड़ेवार, अरुणानंद झा, अरुण कुमार झा, नुनु मनी पुरोहितवार, मनीष झा, राजेश खवाड़े, अमित परासर, प्रभात मिश्र, मिथलेश झा, त्रिलोकी राम मिश्र, चैतन्य देव महाराज, लाल खवाड़े, पप्पू, मनोज आदि जुटे हुए हैं.
क्या कहते हैं कारू श्रृंगारी
बुजुर्ग कारू श्रृंगारी ने कहा कि वह पिछले 70 वर्षो से पूजा को देख रहे हैं. पूजा में कोई बदलाव नहीं आया है. पूजा में परंपरा का काफी ख्याल रखा जा रहा है. यह देख कर काफी अच्छा लग रहा है. मां की पूजा करने से सुख, शांति व समृद्धि मिलती है.