एंटी स्नेक इंजेक्शन उपलब्ध नहीं,लोग परेशान
चतरा : बरसात शुरू होते ही जिले में सर्पदंश की घटना में वृद्धि हो गयी है. एक माह में सर्पदंश से पांच से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. सरकारी अस्पतालों में दवा उपलब्ध नहीं होने के कारण गरीब–असहाय लोग सर्पदंश से मर रहे हैं.
बुधवार को सर्पदंश से लावालौंग प्रखंड के कोची गांव के ओम प्रकाश केसरी की पुत्री प्रेमा कुमारी (छह वर्ष) व जोरी थाना क्षेत्र के बाजोबार गांव के जिरवा देवी (40 वर्ष) की मौत हो गयी.
सर्पदंश से बगरा–लुतीडीह की कंचन देवी व डमौल गांव के सबेदा खातून गंभीर रूप से पीड़ित हैं. इस तरह दवा के अभाव में हर वर्ष जिले में 25 से 30 लोगों की मौत हो जाती है.
कौन–कौन सांप पाये जाते हैं : इस क्षेत्र में करैत, धमना, कोबरा, चिताबर समेत अन्य जहरीले सांप अधिक पाये जाते हैं. लोग इन्हीं सांपों के शिकार हो रहे हैं.
ओझा के चक्कर में गंवाते हैं जान : सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र के लोग सांप काटने पर इलाज के जगह झाड़–फूंक कराने में अधिक समय गंवाते हैं. इस तरह झाड़–फूंक के चक्कर में कई लोगों की जान चली जाती है. सिमरिया प्रखंड हर्षनाथपुर के अकल भुइयां की मौत झाड़–फूंक करने के दौरान हो गयी थी. पननवाटांड़ में भी एक व्यक्ति की मौत इलाज के अभाव में हुई है.
क्या कहते हैं लोग : कोची निवासी ओम प्रकाश केसरी ने बताया कि सर्पदंश से पीड़ित बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल ले गया, तो चिकित्सकों ने दवा उपलब्ध नहीं होने की बात कही. इससे उसकी बच्ची की मौत हो गयी.
बगरा के पिंटू ने बताया कि एक महिला को घायलावस्था में सदर अस्पताल ले जाया गया. पहले तो दवा नहीं होने की बात बतायी गयी. काफी आग्रह करने पर कंचन देवी का प्राथमिक उपचार किया गया.