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बुद्ध पूर्णिमा पर विशेष: बौद्ध धर्म की आस्था का केंद्र है बोकारो बुद्ध विहार
बोकारो : 10 मई को बुद्ध पूर्णिमा है. बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए यह दिन खास होता है. बोकारो में इसकी प्रासंगिकता ज्यादा होती है, क्योंकि धर्म मान्यताओं के अलावा सेक्टर 04/डी स्थित बोकारो बुद्ध बिहार का निर्माण इसी दिन हुआ था. 10 मई को बुद्ध बिहार का 41वां स्थापना दिवस व 2561वीं बौद्ध जयंती मनायी […]
बोकारो : 10 मई को बुद्ध पूर्णिमा है. बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए यह दिन खास होता है. बोकारो में इसकी प्रासंगिकता ज्यादा होती है, क्योंकि धर्म मान्यताओं के अलावा सेक्टर 04/डी स्थित बोकारो बुद्ध बिहार का निर्माण इसी दिन हुआ था. 10 मई को बुद्ध बिहार का 41वां स्थापना दिवस व 2561वीं बौद्ध जयंती मनायी जायेगी.
सेक्टर-4 डी स्थित बोकारो बुद्ध विहार बौद्ध धर्म के अनुयायियों का आस्था का केेंद्र है. वर्ष 1975 में बोकारो इस्पात प्रबंधन की ओर से बुद्ध विहार के लिये जमीन आवंटित की गयी थी. 1 एकड़ 60 डिसमिल फैले बुद्ध विहार कैंपस की प्राकृतिक छटा देखते ही बनती है. बुद्ध विहार चार भाग में बंटा हुआ है. पहले भाग में मंदिर परिसर बना हुआ है. दूसरे भाग में भव्य व आकर्षक सभागृह है. भविष्य में इसके प्रथम तल पर पुस्तकालय और कार्यालय निर्माण की योजना है. तीसरे भाग में भिक्खु निवास है. चौथे भाग में पैगोड़ा है, जहां पेड़-पौधे और फूल लगाये गये हैं. सभागृह में एक साथ दर्जनों उपासक साधना कर सकते हैं. बुद्ध विहार परिसर में स्थित भगवान की मूर्ति थाइलेंड के मूर्तिकार भन्तेजी उदोन खुनबरो ने बनायी है. गौतम बुद्ध की तीन मूर्तियां भगवान के दिये ज्ञान, प्रकृति व एकता का प्रतीक है. मूर्ति की कलात्मकता ऐसी है कि तीनों में अंतर निकाल पाना मुश्किल है.
सुबह-शाम होती है पूजा : बुद्ध विहार में प्रतिदिन सुबह-शाम महात्मा बुद्ध की पूजा-अर्चना होती है. श्री शरण और पंचशील का पाठ होता है, इसमें दर्जनों श्रद्धालु शामिल होते हैं. विशेष रूप से रविवार को यहां बौद्ध अनुयायियों का जमावड़ा लगता है. उस दिन यहां विशेष पूजा-अर्चना के साथ-साथ प्रबंध कमेटी की बैठक भी होती है.
मनोहारी है अंदर का दृश्य : बुद्ध विहार के अंदर प्रवेश करते ही मानसिक शांति मिलती है. कैंपस में सागवान, शीशम, अशोक, आम सहित दर्जनों पेड़ लगाये गये हैं. पीपल के पेड़ के नीचे स्थापित महात्मा बुद्ध की तीन प्रतिमा आकर्षण का केेंद्र है. पेड़-पौधे मनोहारी छटा बिखरते हैं. खासकर, सुनियोजित तरीके से लगाये गये अशोक के पेड़. परिसर में 30 से अधिक अशोक के वृक्ष लगाये गये हैं.
धीरे-धीरे बन रहा हैं कैंपस : बुद्ध विहार कैंपस का निर्माण धीरे-धीरे हो रहा है. कमेटी के सदस्यों ने बताया : सदस्यों के आपसी सहयोग से ही कैंपस में निर्माण कार्य चल रहा है. पहले सदस्यों की संख्या कम थी. अब संख्या बढ़ रही है. फिलहाल, लगभग 200 लोग सक्रिय रूप से जुड़े हैं. सदस्यों की संख्या बढ़ने के साथ ही निर्माण कार्य में तेजी आयी है.
ये निभा रहे हैं सराहनीय भूमिका : बुद्ध विहार के विकास में प्रबंध कमेटी के चेयरमैन लामा श्रीनारायण सिंह, उपाध्यक्ष सोमेन बरुआ, सचिव शीला बंधु, सहायक सचिव केपी रजक के अलावा कार्यकारिणी समिति के आरपी सिन्हा, भीएन मेहता, मंजू साह, लल्लू राम, एसके चौधरी, योगेन्द्र प्रसाद रजक, संजय शान आदि.
चास ने निकलेगी शोभा यात्रा : 10 मई को बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर चास से शोभा यात्रा निकलेगी, जो विभिन्न मुहल्लों व सेक्टरों से होते हुए सेक्टर 4 स्थित बुद्ध विहार पहुंचेगी. सफलता में केसीसी वेलफेयर सोसाइटी, प्रगति वेलफेयर सोसाइटी, फुटपाथ दुकानदार संघ, जोड़ा मंदिर गली दुकानदार संघ, गुजरात कॉलोनी व राम नगर कॉलोनी के लोग जुटे हैं.
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