28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बोकारो: बीएसएल के बाद शिक्षा का कारोबार है जिले का आर्थिक आधार, 500 करोड़ का है शिक्षा का कारोबार

बोकारो : बोकारो में 300 से अधिक छोटे-बड़े स्कूल हैं और इनमें दो-तीन लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. औसतन एक बच्चे की मासिक फी एक हजार रुपये है. न्यू एडमिशन, एक्टिविटी चार्ज, स्कूल बस किराया समेत अन्य गतिविधियों को लेकर स्कूलों का सालाना टर्न ओवर 50 से 80 करोड़ रुपया के बीच है. 25 से अधिक […]

बोकारो : बोकारो में 300 से अधिक छोटे-बड़े स्कूल हैं और इनमें दो-तीन लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. औसतन एक बच्चे की मासिक फी एक हजार रुपये है. न्यू एडमिशन, एक्टिविटी चार्ज, स्कूल बस किराया समेत अन्य गतिविधियों को लेकर स्कूलों का सालाना टर्न ओवर 50 से 80 करोड़ रुपया के बीच है.
25 से अधिक कोचिंग संस्थान : बोकारो में 25 से अधिक बड़े कोचिंग संस्थान हैं. इनमें से अधिकतर ब्रांडेड हैं. स्थानीय स्तर पर भी दर्जनों कोचिंग सेंटर चलाये जा रहा हैं. ब्रांडेड कोचिंग सेंटर में एक विद्यार्थी की फीस लगभग सवा लाख रुपया व स्थानीय कोचिंग सेंटर में 80 हजार रुपया के करीब है. एक-एक संस्थान में 1000 से 12 सौ विद्यार्थी हैं. एक कोचिंग सेंटर का सालाना टर्न ओवर 40 करोड़ रुपया से अधिक है.
200 से अधिक ट्यूशन सेंटर :बोकारो में 200 से अधिक ट्यूशन सेंटर हैं. कुछ बाजार में ग्रुप के तौर पर संचालित होते है, तो कुछ घर में सिंगल स्टेटस के तौर पर संचालित होता है. ग्रुप ट्यूशन में विद्यार्थी की संख्या 100 से अधिक होती है. ऐसे ट्यूशन सेंटर सब्जेक्ट वाइज चलाये जाते हैं. बोकारो में ऐसे सेंटरों का टर्न ओवर सालाना 20 करोड़ रुपया है.
स्कूल यूनिफार्म : नामांकन कराने और नये क्लास में जाते ही विद्यार्थी को यूनिफार्म चाहिए. मतलब हर साल बोकारो में दो से तीन लाख विद्यार्थी यूनिफार्म लेते हैं. इसमें स्कूल बेल्ट, टाई सहित अन्य ड्रेस व सामग्री शामिल है. एक बच्चे के यूनिफार्म पर पांच हजार रुपया तक का खर्च आता है. इस तरह यूनिफार्म का सालाना कारोबार 80 करोड़ रुपया से अधिक का है.
कॉपी-किताब पेन-पेंसिल
शिक्षा के लिए कॉपी-किताब, पेन-पेंसिल, बैग समेत स्टेशनरी अनिवार्य है. क्लास नर्सरी से 12वीं तक के विद्यार्थी को इसकी जरूरत होती है. एक विद्यार्थी का पांच हजार से अधिक रुपया खर्च होता है. बोकारो में 100 से अधिक स्टेशनरी दुकानें है. इनका सालाना कारोबार 80 करोड़ रुपया से अधिक का है.
रेफरेंस किताबों पर अलग खर्च
स्कूली किताब-कॉपी के अलावा बच्चे पढ़ने के लिए अलग से रिफरेंस किताबें भी खरीदते हैं. इनमें 11वीं-12वीं बच्चे अधिक होते हैं, क्योंकि वह 12वीं बोर्ड के साथ-साथ इंजीनियरिंग व मेडिकल प्रवेश परीक्षा की भी तैयारी करते हैं. ऐसे विद्यार्थियों की संख्या बोकारो में पांच हजार से अधिक है. बोकारो में रिफरेंस बुक्स का सालाना कारोबार पांच से 10 करोड़ रुपये के बीच है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें