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डीपीएस को बदला ‘आइआइटी फैक्टरी’ में

बोकारो: दिल्ली पब्लिक स्कूल बोकारो की निदेशक व प्राचार्या डॉ हेमलता एस मोहन की उपलब्धियों से झारखंड के मानचित्र पर बोकारो रोशन हुआ है. डॉ मोहन ने पेशा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता व सामाजिक समझदारी की बदौलत न सिर्फ शैक्षणिक प्रतिष्ठान को ऊंचाई प्रदान की, बल्कि जीवन के विविध क्षेत्रों में उनकी उपस्थिति अनिवार्य होती […]

बोकारो: दिल्ली पब्लिक स्कूल बोकारो की निदेशक व प्राचार्या डॉ हेमलता एस मोहन की उपलब्धियों से झारखंड के मानचित्र पर बोकारो रोशन हुआ है. डॉ मोहन ने पेशा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता व सामाजिक समझदारी की बदौलत न सिर्फ शैक्षणिक प्रतिष्ठान को ऊंचाई प्रदान की, बल्कि जीवन के विविध क्षेत्रों में उनकी उपस्थिति अनिवार्य होती गयी.
भाषा की अस्मिता को लेकर सजग : डॉ. हेमलता ने कान्वेंट एजुकेशन के बाद बीएससी की. एलएलबी की पढ़ाई के बाद हिंदी पट्टी के अंगरेजीपरस्त माहौल में राष्ट्रभाषा हिंदी की लड़ाई लड़ने को हिंदी में एमए, पीएचडी तक की पढाई की. अनुशासन व शिक्षा की गुणवत्ता बरकरार रखते हुए डॉ. हेमलता ने डीपीएस बोकारो को ‘आइआइटी फैक्टरी’ में बदल दिया. हर साल झारखंड के सर्वाधिक बच्चे डीपीएस बोकारो से ही आइआइटी में जाते हैं. झारखंड महिला आयोग की अध्यक्ष पद रहते हुए डॉ. हेमलता ने आयोग को महिलाओं के संवेदनशील मुद्दों के प्रति जवाबदेह बनाने में बड़ी भूमिका निभायी.
झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों के लिए ‘दीपांश शिक्षा केंद्र’: वर्ष 2001 में डॉ. हेमलता ने समाज के कमजोर तबकों, झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों के लिए ‘दीपांश शिक्षा केंद्र’ की शुरुआत की. आज ‘दीपांश’ के तहत समाज के सबसे कमजोर तबकों के पहली से सातवीं कक्षा तक के 400 बच्चे डीपीएस बोकारो में नि:शुल्क ‘क्वालिटी एजुकेशन’ पा रहे हैं. अक्सर सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक कर्मस्थली डीपीएस बोकारो में युद्ध स्तर पर काम में जुटी रहती हैं. कहती हैं : निरंतर काम में जुटे रहना मेरे लिए ईश्वर के प्रति आभार प्रकट करने का तरीका है कि उसने मुझे इस लायक बनाया कि मैं लोगों के, समाज के काम आ सकी हूं.
शिक्षा से ही खुलता है महिला सशक्तीकरण का द्वार : डॉ हेमलता ने न केवल डीपीएस बोकारो को देश के चुनिंदा शैक्षणिक संस्थानों में प्रतिष्ठापित किया, अपितु सामाजिक क्षेत्र में भी विशिष्ट पहचान अर्जित की. शिक्षा व समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए अब तक कई राष्ट्रीय पुरस्कार/सम्मान प्राप्त कर चुकीं डॉ. हेमलता ने कहा : सम्मान मिलने से उनकी समाज के प्रति जवाबदेही और बढ़ी है. शिक्षा व सामाजिक उत्थान के लिए जीवनपर्यंत कार्य करती रहेंगी. कहा : शिक्षा से ही उन्नत समाज का निर्माण संभव है. शिक्षा से ही महिला सशक्तीकरण का द्वार खुलता है.
डॉ. हेमलता एस मोहन को मिले पुरस्कार/सम्मान
लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार : गोवा के द इंटरनेशनल सेंटर में 21 जनवरी 2017 को कॉलेज टू कैंपस के नेशनल एजुकेशन समिट 2017 में.
झारखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष : 2010 से 2013 तक झारखंड राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पद को सुशोभित.
राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान : 2004 के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान.
सीबीएसइ शिक्षक पुरस्कार : 2002 के लिए भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ मुरली मनोहर जोशी के हाथों सीबीएसइ शिक्षक पुरस्कार.
श्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार : 2002 में यूनिफाईड काउंसिल की ओर से श्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार व अवंतिका नेशनल ह्यूमेनिटी अवार्ड.
अवंतिका डॉ एस राधाकृष्णन सम्मान : शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए 2007 में अवंतिका डॉ एस राधाकृष्णन सम्मान.
अवंतिका सरला चोपड़ा स्मृति सम्मान : सामाजिक कल्याण व शिक्षा, कला एवं संस्कृति के उत्थान में उल्लेखनीय भूमिका के लिए 2008 में अवंतिका सरला चोपड़ा स्मृति सम्मान.
सर्वश्रेष्ठ प्राचार्य का पुरस्कार : 2008 में विज्ञान ओलिंपियाड फाउंडेशन की ओर से सर्वश्रेष्ठ प्राचार्य का पुरस्कार.
गांधी सम्मान : 2009 में महात्मा गांधी सामाजिक कल्याण संस्था-रांची की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए गांधी सम्मान.
सर्वश्रेष्ठ नागरिक पुरस्कार : 2009 में अंतर्राष्ट्रीय पब्लिक हाउस की ओर से शिक्षा व समाज में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए सर्वश्रेष्ठ नागरिक पुरस्कार.

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