बोकारो: बोकारो डीसी उमाशंकर सिंह ने जिले में 73 लिपिक और प्रधान सहायकों के साथ 41 राजस्व कर्मियों का तबादला कर दिया है. यह कदम अपने-आप में ऐतिहासिक इसलिए है क्योंकि पिछले सात सालों से इतना बड़ा तबादला जिले में नहीं हुआ था.
पिछली बार 2007 में डीसी सुनील कुमार ने बड़ी संख्या पर तबादला किया था. इस बार तबादले में डीसी और वरीय अधिकारियों ने काफी गोपनीयता बरती है. देर रात पत्रकारों को बुला कर सभी को तबादले की लिस्ट थमा कर प्रशासनिक महकमे ने सबको चौका दिया. इस तबादले में ऐसे कई कर्मी हैं, जो पिछले करीब दस सालों से एक ही जगह पर काबिज थे. लिपिक के अलावा राजस्व कर्मियों के तबादले में डीसी ने काफी सतर्कता बरती है. ग्रामीण क्षेत्र में कई सालों से काम कर रहे कर्मियों को शहरी क्षेत्र में तबादला किया है और शहरी क्षेत्र के कर्मियों को ग्रामीण क्षेत्र में.
वहीं लिपिक और प्रधान सहायकों के तबादले में भी डीसी ने सतर्कता बरतते हुए सभी को ऐसे विभागों में भेजा है, जहां वो पहले ज्यादा वक्त तक नहीं रहे हैं. इस पूरी कवायद में डीसी के साथ डीएसओ राजेश राज और डीसीएलआर संदीप कुमार ने पूरी गोपनीयता बरती. कयास लगाया जा रहा है कि अंगद की पांव की तरह जमे लिपिक और प्रधान सहायकों के तबादले से कई तरह के राजनीतिक दबाव समाहरणालय को ङोलना पड़ सकता है. कई सालों से तबादला न होने के कारण कई यहां जमे सहायक और लिपिकों ने अपने तरीके के गुट भी बना लिये थे, जो अधिकारियों पर भारी पड़ते थे.
राज्य सरकार के निर्देशों के मद्देनजर तबादला किया गया है. एक जगह पर सालों से रहना प्रशासनिक कार्यो के लिए ठीक नहीं है. तबादले से नये लोगों को मौका मिलेगा. नये लोगों को कुछ सीखने को मिलेगा. प्रशासनिक काम ठीक से चले कहीं कोई अनियमितता न हो, साथ ही कानून व्यवस्था बनी रही प्रशासन का पहला काम यही है.
उमाशंकर सिंह (डीसी, बोकारो)