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डीएसइ ने दिया यूसी पहले, चेक बाद में

बोकारो: चलन है कि राशि की उपयोगिता के बाद उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूसी) जारी किये जाते हैं, पर जिला शिक्षा अधीक्षक, बोकारो का कार्यालय है जहां पहले यूसी जारी होते हैं और चेक बाद में. मामला है लोयला मध्य विद्यालय में सालों से शिक्षकों के लंबित वेतन भुगतान का. इस कार्यालय ने सचिव स्तर का निर्देश […]

बोकारो: चलन है कि राशि की उपयोगिता के बाद उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूसी) जारी किये जाते हैं, पर जिला शिक्षा अधीक्षक, बोकारो का कार्यालय है जहां पहले यूसी जारी होते हैं और चेक बाद में. मामला है लोयला मध्य विद्यालय में सालों से शिक्षकों के लंबित वेतन भुगतान का. इस कार्यालय ने सचिव स्तर का निर्देश भी छह माह तक टाल कर रखा. और अंतत: मंत्री से की गयी शिकायत के बाद कार्रवाई के अंदेशे में भुगतान तो कर दिया गया, पर निराले अंदाज में. डीएसइ कार्यालय ने वेतन का भुगतान रोके रखा था और राज्य को सूचित कर दिया था कि शिक्षकों को बकाया राशि का भुगतान कर दिया गया है और प्रमाण के तौर पर यूसी भी दे दिया गया.

सचिव के निर्देश की धज्जी उड़ती रही : सालों बिना वेतन के अपनी सेवा देने वाले लोयला मध्य विद्यालय, गोमिया के शिक्षकों को अपने मेहनताना के लिए मानो पहाड़ तोड़ना पड़ा. कई शिक्षक तो वर्ष 2000 से ही बिना वेतन के अपनी सेवा दे रहे हैं. राज्य सरकार ने भुगतान के लिए 09.04.2013 को ही 15 जिलों को बकाया राशि निर्गत कर दी थी. अप्रैल के अंत तक हर हाल में भुगतान कर देने के निर्देश के साथ सचिव ने मुख्यालय को सूचित करने (यूसी देने) को भी कहा था. बावजूद इसके जिला शिक्षा अधीक्षक बोकारो, बोकारो ने भुगतान रोके रखा और राज्य को सूचित कर दिया था कि शिक्षकों को बकाये का भुगतान कर दिया गया है. यही नहीं, प्रमाण के तौर पर यूसी भी भेज दिया.

भुगतान के दो माह पहले दे दिया गया यूसी
शिक्षकों के बढ़ते दबाव को भी नजरअंदाज किया गया. अंत में झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव रवींद्र प्रसाद सिंह ने शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव के समक्ष यह मामला रखा. मंत्री ने तत्काल इसकी जांच डीसी बोकारो को कराने को कहा. डीसी के निर्देश पर डीडीसी श्रीराम तिवारी और एनडीसी शशिभूषण मेहरा ने जांच की और मामले को सच पाया. जो राशि अप्रैल तक दे देनी थी उसे 31.10.2013 को मंत्री से शिकायत करने और दबाव बनाने बाद किया गया. इसी तारीख की पावती पर हस्ताक्षर लोयला स्कूल के प्रधानाध्यापक ने किया है. हस्ताक्षर के वक्त वहां झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव रवींद्र प्रसाद सिंह भी मौजूद थे. इस वेतन भुगतान की सूचना यूसी के हवाले 08.08.2013 को ही दे दी गयी.

46 लाख का था मामला
लोयला मध्य विद्यालय, गोमिया के 11 शिक्षकों के वेतन के लिए स्कूल प्रबंधन ने 46,81,165 का बजट बनाया था. राज्य सरकार ने इस राशि को घटा कर सिर्फ 46,000,00 कर दिया. बताते चलें कि यह स्कूल अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यालयों में शामिल है. शिक्षकों का वेतन भुगतान राज्य सरकार के स्तर से किया जाता है.

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