बोकारो: सत्र 2015-16 की पहली छमाही सेल को 300 करोड़ का घाटा हुआ है. सेल की कोई भी इकाई नहीं चल रही है. कर्मियों को वेतन देने के लिए भी पैसा नहीं है. इसलिए इस बार बोनस नहीं दे पायेंगे. यह बातें सेल प्रबंधन ने गुरुवार को नयी दिल्ली में यूनियन प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में कही. सेल प्रबंधन ने दो टूक कहा : सेल की स्थिति अच्छी नहीं है. इसलिए बोनस नहीं देंगे.
बोनस को लेकर नयी दिल्ली में गुरुवार को सेल प्रबंधन व यूनियन प्रतिनिधियों के बीच बैठक हुई. इसमें सेल प्रबंधन ने अपनी अद्यतन स्थिति यूनियन नेताओं के समक्ष रखी. इस पर यूनियन नेताओं ने विरोध दर्ज कराया. बैठक लगभग डेढ घंटे चली. लेकिन, अंत समय तक कोई फैसला नहीं हो पाया. हो-हल्ला के बीच बैठक बेनतीजा खत्म हो गयी.
… तो उत्पादन व उत्पादकता पर पड़ेगा असर : यूनियन नेताओं ने कहा : सत्र 2014-15 में सेल को 450 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था.
इसलिए कर्मियों को हर हाल में बोनस मिलना चाहिए. नेताओं का कहना था : सेल की स्थिति अच्छी नहीं है तो इसमें मजदूर कहां दोषी है. बोनस नहीं मिलने से मजदूर मायूस हो जायेंगे. इसका असर सेल के उत्पादन व उत्पादकता पर पड़ेगा.
प्लांट परफॉरमेंस व आधुनिकीकरण पर चर्चा
बोनस की बैठक से पूर्व सेल प्रबंधन के साथ यूनियन प्रतिनिधियों की बैठक हुई. इसमें उत्पादन व उत्पादकता, प्लांट परफॉरमेंस, आधुनिकीकरण, अद्यतन स्थिति, बाजार आदि पर चर्चा हुई. ये बैठक लगभग चार घंटे चली. इसके बाद देर शाम बोनस को लेकर प्रबंधन व यूनियन के बीच बैठक हुई. बैठक में प्रबंधन ने साफ -साफ शब्दों में कहा : इस बार बोनस नहीं दे पायेंगे.
पांच वर्ष से मिल रहा है एक हीं बोनस
बीएसएल कर्मियों को पांच वर्ष से एक हीं बोनस मिल रहा है. गुरुवार को जब बोनस नहीं मिलने की खबर बाजार में आयी तो कर्मी मायूस हो गये. और हो क्यों नहीं? बोनस का इंतजार कर्मी सालोंभर कर्मी करते हैं. वैसे, इस वित्तीय वर्ष में कंपनी के पास विस्तारीकरण व आधुनिकीकरण के साथ कई नयी चुनौतियां हैं. बीएसएल में भी कई नयी परियोजना आनी है.
गुरुवार को देर शाम प्रबंधन व यूनियन के बीच बोनस को लेकर बैठक हुई. प्रबंधन ने कहा : पहली छमाही में 300 करोड़ का घाटा हुआ है. कोई प्लांट नहीं चल पा रहा है. वेतन देने का पैसा नहीं है. इसलिए इस बार बोनस नहीं दे पायेंगे. इसका सभी यूनियन ने विरोध किया. हो-हल्ला के बीच बैठक खत्म हो गयी.
राजेंद्र प्रसाद सिंह-महामंत्री, क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ (संबद्ध-एचएमएस) सह एनजेसीएस सदस्य